प्रयागराज (ब्यूरो)पुलिस हिरासत से भागने वाले बंदी का नाम दीपक पाल था। वह मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र स्थित मनौती गांव निवासी जगन्नाथ पाल का बेटा है। वह डांडी एरिया में किराए पर कमरा लेकर रहता था। उसके खिलाफ पिछले वर्ष एक युवती द्वारा सिविल लाइंस थाने में गैंग रेप का केस दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के करीब हफ्ते भर बाद सिविल लाइंस पुलिस ने गैंग रेप के केस में उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। कई महीने तक वह नैनी जेल की सलाखों के पीछे रहा। इस बीच तबियत खराब होने पर जेल के अफसरों द्वारा इलाज के लिए उसे एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। यहां से वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। इस मामले में कोतवाली थाने में एक और मुकदमा उसके खिलाफ दर्ज हो गया था। इसके बाद पुलिस शिद्दत से उसकी तलाश में लगी थी। मंगलवार की रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

दोस्त ने तय की थी डील
पूछताछ में दीपक तिवारी ने पुलिस को बताया कि हॉस्पिटल में नैनी का रहने वाला रानू उससे मिलने आया करता था। इस दौरान रानू ने दीपक को बताया कि रेप का केस दर्ज कराने वाली युवती से उसकी बात हुई है। वह मुकदमा वापस ले सकती है यदि 18 लाख रुपये जुगाड़ करके उसे दे दिये जाएं। पैसे का जुगाड़ करने के लिए उसी ने हिरासत से भागने का आइडिया दिया था। रुपयों का प्रबंध करने के लिए ही वह रानू की बात में आकर दीपक हॉस्पिटल भाग गया था। यहां से भागने के बाद वह आगरा चला गया था। पैसों का इंतजाम होने के बात होने पर लेने के लिए वह प्रयागराज आया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। भागने के बाद एसएसपी ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।

हॉस्पिटल से भागे हुए बंदी दीपक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में बताया कि दोस्त के उकसाने व समझौते के लिए रुपयों का प्रबंध करने के उद्देश्य से भागा था। उसके खिलाफ नैनी, सिविल लाइंस से लेकर कोतवाली में भी आपराधिक केस दर्ज हैं। अब उसे उकसाने वाले युवक की तलाश की जा रही है।
अमर सिंह रघुवंशी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली