प्रयागराज (ब्यूरो) जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश सिंह ने कृषि एवं वनस्पति विज्ञान पर चर्चा करते हुए अच्छे बीज के चयन व उसके सही पोषण व उसके महत्व की विशेषता बतायी। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर वर्ष 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। अभियान के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कुपोषण के खिलाफ़ एक एकजुट होकर लोगों को पोषण के महत्व के प्रति जागरूक कर उन्हें स्वस्थ जीवनशैली जीने के प्रति प्रेरित करना है। तथा विभिन्न विभागों से सामंजस्य स्थापित कर बच्चों एवं किशोरियों तथा धात्री व गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है।
ऊर्जा बढ़ाने के साथ करता है मजबूत
उन्होने बताया कि शरीर की वृद्धि एवं विकास के लिए पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। पौष्टिक भोजन शरीर कि ऊर्जा को बढ़ाता है व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है एवं संतुलित भोजन वजन बढऩे से रोकता है। संतुलित आहार पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करता है। संतुलित आहार पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए आपको आवश्यक हैं कि हरी व मौसमी सब्जियां, ताजे फल, दूध,दही जैसे खाद पदार्थो का सेवन करे है और फ़ास्ट फ़ूड जैसे खाद पदार्थो से दूरी बनायें।
किशोरावस्था में चाहिए पोषण
उन्होंने बताया कि किशोरा अवस्था में किशोर-किशोरियों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट सहित पोषण सम्बंधी आवश्यकतायें बढ़ जाती हैं। असंतुलित मात्रा में भोजन लेना शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा विटामिन और मिनरल की कमी भी कुपोषण को बढ़ाती है। कुपोषण का मुख्य लक्षण स्टंटिंग वेस्टिंग, यानी लम्बाई के अनुपात में कम वजऩ अंडरवेट, यानी उम्र के हिसाब से कम वजऩ और ओवरवेट या मोटापा यानी लम्बाई के अनुपात में ज़्यादा वजऩ होना है। इसलिए सभी छात्र संतुलित आहार का सेवन करें व योग को अपनी आदत में लाएं। कार्यक्रम में कालेज की प्राचार्या गीतांजली मौर्य, सीडीपीओ, डॉ मनीष श्रीवास्तव, डॉ0 मनोज सिंह, डॉ0 अनुराग त्रिपाठी, डॉ परम प्रकाश, डॉ मनीष, डॉ एसपी यादव, विनोद, प्रवीण, लोकेश, प्रशांत, अशोक चौहान व बीएससी एजी, कंप्यूटर साइंस, बायोटेक्नोलोजी के छात्र मौजूद रहे।