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PRAYAGRAJ: प्रख्यात उपन्यासकार बालेन्दु द्विवेदी द्वारा लिखित नए उपन्यास वाया फुरसतगंज का गुरुवार को मंचन हुआ। एनसीजेडसीसी में हुए आयोजन के दौरान सबसे पहले उपन्यास का विमोचन हुआ। जिसमें चीफ गेस्ट इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और सिनेमा के प्रखर अध्येता डा। ललित जोशी ने उपन्यास का विमोचन किया। इसके बाद संस्था थर्ड बेल रेपर्टरी के सचिव व रंगकर्मी आलोक नायर के निर्देशन में नाटक का मंचन किया गया। संगम नगरी की पृष्ठभूमि पर बेस्ड नाटक में सिटी की राजनीतिक व सामाजिक परिदृश्य के बहाने यहां की ठेठ बोली, वाणी, संस्कृति को मंच पर उकेरने का प्रयास किया गया। हास्य व्यंगों की शानदार प्रस्तुतियों ने लोगों को गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया।
डा। श्लेष ने निभाई सूत्रधार की भूमिका
एनसीजेडीसी में हुए आयेाजन के दौरान सूत्रधार की भूमिका में फेमस कवि डॉ। श्लेष गौतम रहे। उन्होंने बताया कि वाया फुरसतगंज आजाद देश में विकसित हो रहे राजनीतिक चरित्र के दोगलेपन की कथा है। इसका यह दोगलापन सर्वव्यापी है और कदाचित इसका असर भी। इसीलिये इसका प्रसार जीवन के सभी क्षेत्रों में होता दिखाई देता है। इसने हमारे आसपास के रोजमर्रा के वातावरण को इस कदर आच्छादित कर लिया है कि इसके बिना जीवन की किसी एक गतिविधि का संचालन संभव नहीं। क्या धर्म,क्या समाज,क्या प्रशासन,क्या पुलिस और क्या न्यायपालिका-एक एक कर सभी इस बदलाव के अभ्यस्त हो चुके हैं। कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को प्रशस्ति चिन्ह और स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया।