प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मेजा थाने में विजय शंकर तिवारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि गांव के ही राम कैलाश तिवारी एनटीपीसी में किसी ठेकेदार के साथ काम करता था। रामकैलाश उसके साफ्टवेयर इंजीनियर बेटे नीरज तिवारी व एबीए कर चुके धीरज को एनटीपीसी में नौकरी दिलाने की बात कही। विश्वास में आकर वह वर्ष 2013 से 2018 के बीच लगभग 61 लाख रुपये बैंक खाता एवं नकद में दे दिया। रुपये पाने के बाद शातिर रामकैलाश उसके बेटों को फर्जी नियुक्ति पत्र व गेट पास थमा दिया। आरोप यह भी है कि मुख्यमंत्री के फर्जी सिग्नेचर युक्त केंद्रीय मंत्री के नाम एक लेटर जारी किया। साथ ही एनटीपीसी में प्रोजेक्ट के मीटिंग का पत्र, छत्तीसगढ़ पॉवर प्लांट की ज्वाइनिंग लेटर, डायरेक्टर एनटीपीसी द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर उसको नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बाद में नौकरी नहीं मिलने पर विजय शंकर रुपये वापस मांगने लगा। इस पर वह उसे धमकियां देने लगा।