रोड के टर्निग पर खड़े तिपहिया व ई-रिक्शा से आम पब्लिक हो रही परेशान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से दो चौराहों के रियलिटी चेक में समस्या आई सामने

PRAYAGRAJ: चौराहों के टर्निग प्वाइंट वाहन स्टैंड बन गए हैं। टर्निग प्वाइंट पर खड़े तिपहिया व ई-रिक्शा के चलते आम लोगों का सफर मुश्किल भरा हो गया है। मोड़ पर लगने वाले जाम की वजह से सिग्नल ग्रीन होने के बाद भी लोग फंसे रहते हैं। गाड़ी हटाने या कुछ कहने पर एकजुट चालक दबंगई पर उतर जाते हैं। चालकों की संख्या अधिक होने से लोग अंदर ही अंदर गुस्से घूंट पीकर रह जाते हैं। धैर्य खोने वाले कुछ लोगों से इन चालकों का विवाद भी अक्सर सुनने व देखने को मिलते हैं। आश्चर्य यह है कि इन तिपहिया व ई-रिक्शा चालकों की यह दबंगई और हरकत ट्रैफिक के साथ सिविल पुलिस के सामने दिखाई देती है। इनकी वजह से जाम में फंसे लोगों का वक्त और गाड़ी में ईधन दोनों बर्बाद होता है।

हनुमान मंदिर के पीछे है ज्यादा दिक्कत

तिपहिया व ई-रिक्शा चालकों की यह स्थिति शहर के कई चौराहों पर रोज दिखाई देती है। बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा सिविल लाइंस से पहले चौराहे पेट्रोल पम्प और सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पीछे चौराहों की स्थिति की दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलिटी चेक की। दोनों ही चौराहों के टर्निग प्वाइंट पर तिपहिया व ई-रिक्शा खड़े दिखाई दिए। हालात यहीं तक नहीं सीमित, चौराहे पर बने ज्यादातर ब्रेकर को कवर कर यह गाडि़यां खड़ी करते हैं। ऐसे में म्योहाल की तरफ से सिविल लाइंस जाने वालों को इस चौराहे पर जाम का सामना करना पड़ता है। बेतरतीब खड़े इन तिपहिया व ई-रिक्शा चालकों को रोकने व टोकने की जहमत न तो ट्रैफिक पुलिस उठा रही और न ही सिविल पुलिस। जबकि इन चौराहों पर रोज पुलिस ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पीछे एक तरफ मोड़ पर प्रतापगढ़ जाने वाली बस तो दूसरी तरफ मंदिर की बाउंड्री के ठीक पास में ई-रिक्शा वालों का कब्जा रहा।

स्मार्ट सिटी की सोच हो रही धूमिल

प्रयागराज को सरकार स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए शहर में विकास कार्य किए जा रहे हैं। 2019 में सड़कों के चौड़ीकरण और चौराहों के सौंदर्यीकरण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए। मंशा थी कि चौराहे सुंदर दिखें और सड़क चौड़ीकरण से जाम की समस्या खत्म हो जाय। सरकार की सोच अपनी जगह अच्छी है। मगर इन तिपहिया व ई-रिक्शा की सोच में परिवर्तन की उम्मीद नहीं नजर आ रही।

वाहन स्टैंड के सीमांकन का काम नगर निगम का है। इसके लिए नगर निगम को लेटर भेजे भी गए हैं। वाहन स्टैंड का प्लेस क्लियर हो जाय तो ट्रैफिक पुलिस मनमानी करने वाले चालकों पर कार्रवाई करे।

अखिलेश भदौरिया

एसपी ट्रैफिक

तिपहिया व ई-रिक्शा चालकों को कई दफा सुनने में आया कि इन्हें सिटी से बाहर करने का प्लान बन रहा है। आज तक अधिकारी इस पर पूरी तरह अमल नहीं कर सके। अफसरों की नजरंदाज रवैये से यह चालक मनबढ़ हो गए हैं।

पंकज त्रिपाठी

अधिवक्ता जिला कचहरी

विक्रम व ई-रिक्शा चालक शहर के लिए बड़ी समस्या बन गए हैं। जब शहर में सिटी बसें चल रही हैं इनका क्या काम। इनकी वजह से रोज काम धंधे से सफर करने वाले आम लोग परेशान हो रहे हैं। टर्निग पर ही नहीं यह बीच सड़क भी वाहनों को खड़ा करके सवारियां भरते हैं।

आशीष प्रताप सिंह

अधिवक्ता जिला कचहरी

अधिकारियों में पब्लिक की समस्या को जड़ से खत्म करने की इच्छा शक्ति का अभाव है। वह चाह लें तो चौराहों पर जाम की वजह बने तिपहिया वाहन व ई-रिक्शा एवं प्राइवेट बसों पर लगाम लग सकती है। यह चौराहों के टर्निग प्वाइंट पर गाडि़यों को खड़ी करके सवारी भरते हैं।

महेंद्रनाथ सिंह

मण्डल प्रभारी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन