तीन शातिर वाहन चोरों के पकड़े जाने के बाद हुआ खुलासा
एक स्कॉर्पियो, वैगनआर, टैगो, स्कूटी और पैशन बाइक की गयी बरामद
ये चोर बेहद शातिर हैं। सिर्फ गाड़ी उठाना और बेचना ही नहीं जानते हैं। संबंधों के बूते ये इससे कमाई का जरिया भी खोज लिए हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा सोमवार को एसओजी और जार्जटाउन थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से किया है। पूछताछ और पड़ताल में पता चला कि ये गाडि़यों को उठाने बाद उसका इंजन और चेचिस नंबर डिस्टर्ब कर देते थे। इसके बाद वह कागजात में छेड़छाड़ करवाते और उसे बेच देते थे। इसमें भी उनका नेटवर्क काम करता था। मार्केट से कस्टमर की तलाश से लेकर बिक्री के बाद फर्जी कागजी कार्रवाई पूरी कराने के काम में अलग-अलग लोग लगे हुए थे। रुटीन का खर्चा निकालने के लिए उन्होंने फर्जी कागजातों के आधार पर एक गाड़ी को मेडिकल कॉलेज से अटैच करवा दिया था।
पूरे जिले में सक्रिय हैं गैंग के सदस्य
एसओजी एवं जार्जटाउन तथा कर्नलगंज थाने की संयुक्त पुलिस टीम ने सोमवार को चार पहिया वाहन चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार किया। टीम ने गिरोह के कब्जे से तीन कार, दो स्कूटी और एक मोटर साइकिल बरामद किया है। पकड़े गए तीनों शातिर चोर सिटी से लेकर गंगापार व यमुनापार एरिया में वाहन चोरी की घटना को अंजाम देते थे। इन चोरों को पकड़ाने में स्थानीय पब्लिक का भी काफी सहयोग रहा। तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुये पुलिस ने जेल भेज दिया है।
दरभंगा कॉलोनी में ले रखा है मकान
उक्त जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मेजा थाना क्षेत्र के शिवपुरा गांव निवासी आकाश पाण्डेय पुत्र अनिल पाण्डेय, उसका भाई अम्बर पाण्डेय एवं पड़ोसी अनिल पाण्डेय पुत्र स्वर्गीय मुन्नीलाल पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया है। तीनों जार्जटाउन थाना क्षेत्र के दरभंगा कालोनी में रह रहे थे। गिरोह में शामिल मिर्जापुर निवासी पंकज और कुंडा निवासी सौरभ फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। मुखबिर की सूचना पर एसओजी प्रभारी शैलेश सिंह, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह एवं कर्नलगंज तथा जार्जटाउन की संयुक्त पुलिस टीम ने वन विभाग कार्यालय के पास से गिरफ्तार किया।
40 हजार रुपये पर मंथ की इनकम
पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर पकड़े गए अनिल ने चोरी के वाहन से हर महीने होने वाली कमाई का राज भी बता दिया। उसने पुलिस को बताया कि बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक चोरी की स्कॉर्पियो गाड़ी को मेडिकल कॉलेज में चालीस हजार रुपये महीने में लगाया था। इस इनकम से उनका डेली का खर्च निकल आता था। कई अन्य वाहनों के चेचिस नंबर की कुछ संख्या मिटाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराते थे और ओने-पौने दाम में बेच देते थे।
शातिर चोर सिटी से लेकर आसपास के एरिया से दो और चार पहिया वाहन उठाते थे। चोरी के बाद ज्यादातर वाहनों को उन्होंने बेच दिया था। एक वाहन के बारे में पता चला कि उसे मेडिकल कॉलेज से अटैच कराया गया है। फरार चल रहे इनके दो साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
दिनेश कुमार सिंह
एसपी सिटी प्रयागराज