प्रयागराज ब्यूरो । लालच के चक्कर में एक फैशन डिजाइनर ने तीन लाख रुपये गवां दिए। फैशन डिजाइनर ने इंस्टग्राम पर एक रील देखकर रकम लगाने की शुरुआत की। कई बार रकम लगाने के बाद फैशन डिजाइनर को होश आया कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो रहा है। इसके बाद फैशन डिजाइनर ने रकम लगानी बंद कर दी। फैशन डिजाइनर ने मामले की शिकायत साइबर सेल में की। जांच में साइबर ठगी का मामला पाए जाने पर करेली थाने में केस दर्ज किया गया है। पुलिस और साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।

ये है मामला

करेली के जीटीबी नगर की रहने वाली हबीबा फैशन डिजाइनर हैं। वह इंस्टाग्राम पर रील देख रही थीं। एक रील में घर बैठे पैसा कमाने की स्कीम बताई गई थी। हबीबा ने रील को टच किया तो एक लिंक आया। लिंक ओपन करने पर एक मैसेज आया। जिसमें बताया गया कि शेयर चैट पर वीडियो देखना है। हर वीडियो का स्क्रीन शॉट भेजना है। इसके बाद पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। हबीबा ने मैसेज को फॉलो किया। हबीबा ने स्क्रीन शॉट भेजा तो पहली बार में 120 रुपये आया। इसके बाद कई बार में हबीबा को पैसा भेजा गया। हबीबा को भरोसा हो गया कि यह तो बहुत आसान काम है। हबीबा को टेलीग्राम पर मैसेज आया कि एक हजार रुपये भेजने के बाद हर स्क्रीन शॉट पर डबल पैसा भेजा जाएगा। करते करते हबीबा ने करीब तीन लाख रुपये लगा दिए। मगर हर बार कोई न कोई प्रॉब्लम बताकर और रुपयों की डिमांड की जाती रही। इस पर हबीबा को शक हो गया। हबीबा ने यह बात अपने पति शादाब अहमद को बताई। शादाब ने साइबर फ्रॉड का शक जताया। इसके बाद हबीबा ने साइबर सेल में शिकायत की। वहां से जांच के बाद करेली थाने में केस दर्ज कराया है।

शेयर के नाम पर सवा लाख की ठगी

पूरामुफ्ती थाना एरिया के फतेहपुर घाट रोड पर रहने वाली सामिया शफी के साथ शेयर के नाम पर सवा लाख रुपये की ठगी हो गई। सामिया को व्हाट्स एप पर एक मैसेज मिला। जिसमें शेयर ट्रेडिंग की बात कही गई थी। सामिया ने शेयर ट्रेडिंग में इंट्रेस्ट लिया तो उनके मोबाइल नंबर को केसीएल स्टॉक ग्रुप में जोड़ दिया गया। जिसमें एडमिन नारायण जिंदल खुद को कोटक सिक्योरिटी का चीफ एक्सक्यूटिव बताते हुए मैसेज करते थे। ग्रुप पर कोटक नियो का लिंक दिया गया। उस लिंक पर सामिया ने अपनी डिटेल फिल कर दिया। फिर एक एप डाउनलोड किया। इसके बाद कई बार में सवा लाख रुपये इंवेस्ट कर दिया। हर बार यही बताया जाता कि कुछ रकम और इनवेस्ट करने पर कंपनी की तरफ से पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। जब सामिया ने और रकम लगाने से इंकार किया तो उनका नंबर ग्रुप से हटा दिया गया। सामिया ने मामले की शिकायत साइबर सेल में की। इसके बाद पूरामुफ्ती थाने में केस दर्ज कराया है।