जिले से लापता लोगों का पता तलाशने में नाकाम पुलिस को छूट रहे हैं पसीने
ढाई से अधिक 18 वर्ष के ऊपर हुए लापता, केवल दस को तलाश पाई पुलिस
बहला फुसला कर गायब किए गए दर्जनों नाबालिगों में आधे किए गए बरामद

प्रयागरा (मुकेश कुमार चतुर्वेदी) अपनों की ममता व नजरों से दूर शेष नाबालिगों का पता लगा पाने में पुलिस को पसीने छूट रहे हैं। घर से अचानक लापता होने वालों में 18 वर्ष से ऊपर यानी बालिगों की संख्या नाबालिगों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। इसमें भी लापता लड़कियों की तादाद लड़कों से काफी अधिक है। गायब हुए बालिगों के एड्रेस की तलाश में जुटी पुलिस के हर प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। वर्ष बीतने को हैं और अब तक महज दस बालिग ही बरामद किए जा सके हैं। बालिग हों या नाबालिग वह कहां और किस कंडीशन में हैं? यह सोचकर उनके परिवार की आंखें आज भी नम हो जाती हैं। ऐसे करीब तीन सौ से अधिक परिवार के लोग हैं जिन्हें खोए हुए इन अपनों की तलाश है।

314 लोग बालिग और नाबालिग मिलाकर अब भी हैं गायब
84 नाबालिगों का बहला फुसलाकर किया गया अपहरण
287 बालिग विभिन्न परिस्थितियों में अचानक हो गए लापता
57 लोग विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा किए गए बरामद

युवकों से ज्यादा गायब हुईं युवतियां
जिले के तीन सौ 14 ऐसे बालिग और नाबालिग हैं जिनका पता खोजने से भी नहीं मिल रहा है। इनमें लापता बालिग, युवाओं और युवतियों की तादाद अधिक है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त लापता बालिग व युवतियों के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थितियां चौकाने वाली हैं। लापता हुए इन बालिगों में पुरुषों की कुल संख्या 287 बताई जाती है। इनमें 128 पुरुष तो 157 लड़कियां शामिल हैं। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि लापता हुए बालिगों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक है। काफी खोजबीन व तलाश के बाद थक चुके परिवार मदद की आस में पुलिस थाना और चौकी की डेहरी तक जा पहुंचा। इनके परिजनों की तहरीर पर जिले के विभिन्न थानों में पुलिस द्वारा गुमशुदगी दर्ज की गई। गुमशुदगी दर्ज करके इनकी तलाश में जुटी पुलिस चार पुरुष और छह लड़कियों को जगह-जगह से बरामद करके परिजनों के हवाले किया गया। इस तरह लापता हुए इन बालिगों में अब तक सिर्फ दस लोगों का ही एड्रेस पुलिस खोज पाई। वर्ष बीतने में चंद दिन शेष हैं और आज तक गायब हुए 277 लोगों बालिग पुरुष व महिलाओं का एड्रेस पुलिस नहीं खोज सकी। चूंकि वह मिले नहीं लिहाजा अभी यह भी बता पाना मुश्किल ही है कि वह खुद भागकर गए हैं या फिर बात कुछ और है? फिलहाल कुशलक्षेम जानने को लेकर परिवार के लोगों की आंखें आज भी उनके इंतजार में नम हैं। बताया जाता है कि लापता इन बालिग लोगों में ज्यादातर युवा हैं।

आज भी गायब है 37 घरों की किलकारी
जिले भर से इस वर्ष कुल 84 नाबालिग 18 वर्ष से कम आयु के बालक व बालिकाएं गायब हुईं।
निजी स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 21 नाबालिग लड़कें और सबसे ज्यादा 63 नाबालिग बालिकाएं शामिल हैं।
इनके गायब होने से परिवार के घर आंगन की खुशियां भी उनके साथ चली गईं।
घर और आंगन की किलकारी के अचानक गायब होने से परेशान परिजनों द्वारा शिकायतें जनपद के विभिन्न थानों की गई।
प्राप्त तहरीर पर थाना पुलिस द्वारा धारा 363 व 366 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
बहला फुसला कर अपहरण किए जाने का केस दर्ज करने के बाद पुलिस इन नाबालिगों की तलाश में जुट गई।
बात बच्चों की थी लिहाजा पुलिस तलाश में चाहत दिखाई और 14 बालिकों व 33 बालिकाओं को अलग-अलग स्थानों से पुलिस खोज निकाली।
बरामद किए गए इन नाबालिगों को पुलिस द्वारा उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।
बावजूद इसके इसके अभी भी करीब बालक और बालिकाओं को मिलाकर करीब 37 नाबालिगों आज तक कुछ पता नहीं चल सका है।
इनकी याद व आश और लौटने के इंतजार में परिवार आज भी आंसू बहा रहा है।

18 वर्ष के नीचे यानी नाबालिग
मेल गायब बरामदगी शेष
लड़के 21 14 07
लडकी 63 33 30
कुल 84 47 37
18 वर्ष से ऊपर के लापता हुए लोग
मेल गायब बरामदगी शेष
पुरुष 128 04 124
महिला 159 06 153
कुल 287 10 277

लापता नाबालिगों के मामले में थानों पर बहला फुसला कर अपहरण व बालिगों के प्रकरण में गुमशुदगी दर्ज की जाती है। ज्यादातर नाबालिगों को खोजकर पुलिस द्वारा उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। कुछ बालिग भी बरामद किए जा चुके हैं। अब कितने बालिक या नाबालिग गायब हुए हैं यह रजिस्टरों को देखने के बाद ही बताया जा सकता है। वह भी तब जब अफसरों का निर्देश प्राप्त होगा।
कुलदीप यादव, प्रभारी गुमशुदा तलाश