प्रयागराज ब्यूरो । होली के त्योहार से ठीक पहले मऊआइमा के एक परिवार पर मिलावटी सरसों के तेल का कहर टूटा है। मिलावटी व खराब सरसों के तेल से होने वाली बीमारी ड्राप्सी की चपेट में आकर इस परिवार के तीन लोगों की जान चली गई है और पांच लोग बीमार हो गए हैं। इनमें से तीन को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने तेल की जांच कराई है, जिसके सैंपल में आर्जिमोन के होने की पुष्टि हुई है।

15 दिन में चली गई तीन की जान
मऊआइमा के जोगीपुर फतेहशाह का पूरा गांव में ड्रॉप्सी बीमारी से 15 दिनों में एक परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। इसमें पति सहदेव-पत्नी जानकी देवी और उनकी पोती तमन्ना शामिल हैं। इन सभी के पैरों में सूजन आ गई थी। इलाज के दौरान ही 12 फरवरी को पति पत्नी की जान चली गई। इसकी जानकारी होने पर गांव के प्रधान मऊआइमा सीएचसी के अधीक्षक को घटना की जानकारी दी। इसके अलावा सहदेव के दो बेटों रामकुमार और इंद्रकुमार की हालत गंभीर है। दोनों एसआरएन अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है। वहीं बहू ललिता को 11 नंबर वार्ड में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा दो बच्चों आयुष और महक की हालत में सुधार होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

सैंपल में मिला है आर्जिमोन
घटना की जानकारी होने पर डॉक्टरों ने टीम ने गांव पहुंचकर बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सरसों के तेल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। आर्जिमोन के मौजूद होने की पुष्टि हुई है। जानकारी के मुताबिक आर्जिमोन के बीज भी सरसों की तरह होते हैं और इनकी सरसों के साथ पिराई होने पर ड्राप्सी जैसी घातक बीमारी होने के आसार बढ़ जाते हैं। विभाग ने दोबारा सैंपल पुन: जांच के लिए भेजे हैं।

सवालों में उलझा है मामला
पीडि़त परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने सरसों का तेल बाहर से नही खरीदा है। उन्होंने अपने खेत में उगी सरसों की पिराई कराकर तेल यूज किया था। जबकि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर खेत में सरसों के साथ आर्जिमोन है तो यह गांव के दूसरे लोगों को ड्राप्सी बीमारी क्यों नही हुआ। यह इनके खेत में ही कैसे पहुंचा। हो सकता है कि परिवार के लोगों ने कहीं और से सरसों का तेल खरीद लिया हो। मामले की जांच की जा रही है।

ड्राप्सी के लक्षण
शरीर में खून की कमी
बॉडी में चकत्ते होने लगते हैं
पैरों में सूजन
घाव भी नजर आता है
आंखों में खुजली और दर्द होता है
बुखार और सांस लेने में तकलीफ

जौनपुर में हुई थी चार लोगों की मौत
ड्राप्सी को बहुत ही रेयर बीमारी है। साल 2018 में जौनपुर में एक ही परिवार के 7 लोग ड्राप्सी नामक बीमारी की चपेट में आ गए थे। इसमें एक महीने के अंदर चार लोगों की मौत हो गई थीं। जबकि दो लोगों को केजीएमयू लखनऊ में भर्ती कराया गया था। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट किया गया था। ड्राप्सी नामक बीमारी के प्रकोप को देखते हुए तत्कालीन सीएम मायावती ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम में बदलाव कर मिलावटखोंरों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया था।

इस परिवार के लोगों के लक्षण के आधार पर जांच करने के बाद ड्राप्सी की पुष्टि हुई है। पांच लोगों का इलाज चल रहा है। दो को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। संबंधित लक्षण अगर किसी व्यक्ति में नजर आते हैं तो उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं।
डॉ। रामगोपाल वर्मा
अधीक्षक, मऊआइमा सीएचसी

जो सैंपल भेजा गया था उसमें आर्जिमोन खरपतवार के मौजूद होने की पुष्टि हुई थी। मामले की जांच के लिए फिर से सैंपल भेजे गए हैं। शहर में भी तेल की मंडी में लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं। अब तक चौदह सैंपल भेजे गए हैं लेकिन किसी में आर्जिमोन नही मिला है।
ममता चौधरी
सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वितीय प्रयागराज मंडल