प्रयागराज (ब्यूरो)। नाला सफाई के लिए निर्धारित की गई 20 जून के डेडलाइन करीब है। महज तीन दिन शेष रह गए हैं। बावजूद इसके सभी नालों की सफाई नहीं हो सकी। नाला सफाई में बरती लापरवाही पब्लिक के लिए बारिश में छलावा साबित होगी। यदि मानसून ठीक से बरस गया तो गली मोहल्लों में व सड़कों पर जल का भराव होना तय है। नाला सफाई का टेंडर लेने वाली संस्थाएं तो दूर नगर निगम के अफसर भी इस गंभीर मसले की ओर संजीदा नहीं हो रहे। विभाग का दावा है कि नाला सफाई का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। दावा है कि 50 प्रतिश से अधिक नाले साफ किए जा चुके हैं। हालांकि जमीन पर इस दावे की हकीकत काफी इतर है। खैर, बचे हुए शेष नालों की सफाई डेडलाइन तीन दिन के अंदर कैसे पूरा होगी? अब यह सवाल हर साल बारिश में जलभराव से जूझ रहे शहर के लोगों के बीच उठ रहे हैं। अंधेर यह है कि शुरू से लेकर आखीर तक किसी भी नाले की सफाई नहीं की गई।
जलभराव से जूझेंगे लाखों लोग
बारिश के पहले नगर निगम क्षेत्र के नाले साफ कराए जाने की प्रक्रिया हर साल की तरह इस वर्ष भी अपनाई गई। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में छोटे नालों की संख्या 546 पाई गई। इन नालों की सफाई के लिए करीब 51984 सफाई कर्मियों को लगाए जाने के प्लान पर मुहर लगी थी। जबकि 108 बड़े नालों की सफाई का कार्य मशीन के जरिए कराए ने के लिए जनकार्य विभाग को सौंपी गई थी। इसी तरह 07 सबसे बड़े नाले थे जिसे साफ करने का जिम्मा जलकल विभाग को सौंपी गई थी। नगर निगम की ओर से इस वर्ष नाला सफाई के लिए लगभग सात करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें तीन करोड़ रुपये से अधिक का बजट छोटे नालों की सफाई पर खर्च किया जाएगा। छोटे नालों की संख्या 547 है जिसकी लंबाई 208 किलोमीटर से अधिक है। बड़े नालों की संख्या 92 निर्धारित की गई है। इनकी दूरी 60 किलोमीटर से अधिक है। बारिश के दौरान पानी भरने से होने वाली समस्या की आशंका से लोग परेशान हैं। इसके बावजूद निगम की ओर से नाला सफाई में लापरवाही हो रही है। सूत्र बताते हैं कि जनकार्य विभाग के द्वारा करीब 92 नालों की सफाई का टेंडर किया गया। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद नाला सफाई के कार्य को पूरा करने के लिए 20 जून की डेडलाइन तय की गई। शनिवार को 17 जून की तारीख बीत गई और सभी नालों की सफाई अब तक नहीं हो सकी है। दबी जुबान विभाग के कर्मियों का दावा है कि 50 प्रतिशत नालों की सफाई अब तक नहीं हो पाई है। इस पर यदि यकीन किया जाय तो डेडलाइन को बीतने में तीन दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या तीन दिन में 50 नालों की सफाई विभाग करा पाएगा। यदि इन शेष बचे नालों की समुचित सफाई समय पर नहीं हुई और बारिश हो गई तो शहर के हालात बदतर होंगे। बारिश के नानी से मोहल्ले और सड़कें लबालब हो जाएंगी। जिसका खामियाजा शहर के लाखों लोगों को भुगतना पड़ेगा।
शहर के नालों की सफाई का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। पिछले वर्ष जिन इलाकों में जल भराव की समस्या विकट थी वहां प्राथमिकता के आधार पर नाला सफाई का काम चल रहा है। पूरी कोशिश की जा रही है कि नाला सफाई का काम निर्धारित डेड लाइन के भीतर कर दिया जाय।
सतीश कुमार चीफ इंजीनियर, नगर निगम