83.32

रुपये प्रति लीटर पेट्रोल दिसंबर 2020 में रेट था

88.79

रुपये प्रति लीटर शनिवार को रहा पेट्रोल का रेट

06

रुपये के करीब दो महीने में बढ़े पेट्रोल के दाम

73.88

रुपये प्रति लीटर दिसंबर में रहा डीजल का रेट

81.28

रुपये प्रति लीटर शनिवार को बिका डीजल

08

रुपये प्रति लीटर दो माह में डीजल में हुई वृद्धि

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- डीजल व पेट्रोल की कीमत बढ़ने से ट्रांसपोर्टर और तिपहिया चालकों में रोष

- लामबंद हुए कई यूनियन किराया बढ़ाने का जल्द कर सकते हैं फैसला

PRAYAGRAJ: पेट्रोल और डीजल के मीटर की तरह उसके रेट भी तेजी से भाग रहे हैं। ईधन में लगी महंगाई की आग से हर कोई झुलस रहा है। अब ट्रांसपोर्टर तिपहिया वाहन चालक सवारी और ढुलाई दोनों के भाड़े में वृद्धि की प्लानिंग कर चुके हैं। यदि ट्रांसपोर्टर और तिपहिया के रेट में वृद्धि हुई तो सीधा असर आम पब्लिक पर पड़ेगा। इस सिचुएशन को लेकर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने शनिवार को सीधे पब्लिक से उनकी समस्या को जानने की कोशिश की।

डीजल के रेट बढ़ने से जो सेविंग होती थी वह भी बंद हो गई है। अब तो इतना भी बचना मुश्किल हो गया है कि किसी तरह रोज का खर्च चल पाए। हम किराया बढ़ा देगे तो सवारी विवाद करने लगती है। यदि एक साथ पूरे जिले में भाड़ा बढ़े तब बात थोड़ी बन जाय। हालांकि इसके लिए यूनियन की बैठक होने वाली है।

दिनेश सिंह, तिपहिया चालक

सरकार तो डीजल और पेट्रोल के दाम तो रोज ही बढ़ा रही है। धीरे-धीरे प्रति लीटर डीजल पर करीब आठ रुपये बढ़ा दिए गए हैं। यह रुपया करीब दो माह में बढ़ाए गए हैं। सवारी एक रुपये भी ज्यादा भाड़ा देने को तैयार नहीं होती। यदि किराया बढ़ाकर मांगते है तो सवारी झगड़े पर आमादा हो जाती है।

कन्हैया लाल, तिपहिया चालक

डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान तो हम चालकों का ही हुआ है। जो एक दो रुपये सब काटे पीटे हमें बचते हैं, अब तो वह भी नहीं बच रहे। बस संतोष इस बात का है कि कुछ न करने से अच्छा है कि कुछ कर रहे हैं। जब यूनियन चाहेगी तो कुछ किराया बढ़ जाएंगे।

उदय सिंह, आटो चालक

सरकार को अपनी जेब दिखाई देती है। यहां पब्लिक के बारे में कौन सोचता है। हर तरफ से मारी तो केवल पब्लिक ही जा रही है। डीजल बढ़ाएं चाहे पेट्रोल सबसे ज्यादा दिक्कत तो हम जैसे आम लोगों को ही है। गाड़ी वालों का क्या वह भी किराया आज नहीं कल बढ़ा ही देंगे। देना तो पब्लिक को ही पड़ेगा।

शिवराज सिंह, करछना

डीजल पेट्रोल के दाम तो रोज ही बढ़ाए जा रहे हैं। जब तक पब्लिक सड़क पर नहीं उतरेगी तब तक सरकार इसी तरह दाम में वृद्धि करती रहेगी। सिर्फ ईधन ही काहे देख रहे हैं, गैस सिलेंडर के दाम भी तो बढ़ाए गए हैं। आम पब्लिक से सरकार चारो तरफ से वसूली में जुटी है।

अभिषेक तिवारी, सिविल लाइंस

विभाग की ओर से फिलहाल कोई किराया नहीं बढ़ाया गया है। सवारियों से हम रूटवार निर्धारित पुराना भाड़ा ही ले रहे हैं। बढ़ाने के आदेश आएंगे तो जितना कहा जाएगा हम उतना किराया यात्रियों से लेंगे। हालांकि भाड़ा बढ़ाने जैसी कोई बात अभी तय नहीं हुई है।

पिंटू यादव, सिटी बस परिचालक

लगातार पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। इससे टैम्पो चलाने वाले तो परेशान हो रहे हैं, पब्लिक के लिए भी मुसीबत है। ईधन के बढ़े हुए रेट को देखते हुए किराये को लेकर रविवार को मीटिंग बुलाई गई है। यूनियन की बैठक में जैसा निर्णय होगा वह सबको बताया जाएगा।

विनोद दूबे, अध्यक्ष टेंपो विक्रम यूनियन

डीजल के रेट को लेकर सरकार को 14 दिनों की मोहलत दी गई है। इसके बाद हम हम सब तय करेंगे कि आगे क्या करना है। डीजल के रेट कम नहीं हुए तो कम से कम 20 परसेंट भाड़ा बढ़ाना ट्रांसपोर्टरों की मजबूरी होगी। जिसका सीधा असर पब्लिक पर पड़ेगा।

अनिल कुशवाहा, अध्यक्ष इलाहाबाद गुट ट्रांसपोर्ट यूनियन