प्रयागराज (ब्यूरो)। वर्तमान में वायरल इंफेक्शन और डेंगू के मरीजों के बीच दस और एक का अनुपात चल रहा है। अगर दस मरीजों को एक जैसे लक्षण है और सभी की जांच कराई जा रही है तो केवल एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस भ्रम से बचने के लिए डेंगू की अधिकारिक जांच कराना जरूरी है। इसके आधार पर ही बीमारी की पुष्टि की जा सकती है।
कैसे भ्रमित का रहा मौसमी बुखार
डेंगू के मरीजों को तेज बुखार होता है और वायरल इंफेक्शन में भी ऐसे लक्षण आ रहे हैं। जबकि मेन लक्षण है प्लेटलेट्स का कम होना। बेनीगंज के रहने वाले धर्मेंद्र कुशवाहा, बेली गांव में खुर्रम और नैनी के पृथ्वीराज को तेज बुखार हुआ और तेज कमजोरी महसूस हुई। जांच में पता चला कि प्लेटलेट़्स का स्तर गिरकर 50 हजार पर आ गया है। डॉक्टर ने बताया कि डेंगू है और इसका इलाज शुरू कराया जाएगा। इस दौरान तीनों ने अपनी डेंगू की अधिकारिक एलाइजा जांच कराई। जिसमें तीनों का रिजल्ट निगेटिव आया। ऐसे मामले एक या दो नही बल्कि सैकड़ों की संख्या में हैं।
घबराएं नहीं, इन स्टेप्स को फाला करें
- सबसे पहले तेज बुखार आने पर मरीज को पैरासिटामाल खाने को दें।
- बुखार नही उतरने पर उसे डॉक्टर को दिखाएं। कोई अन्य दवा कतई न दें।
- अगर प्लेटलेट्स का काउंट कम आए तो मेडिकल कॉलेज में एलाइजा की फ्री जांच कराएं।
- पाजिटिव आने पर डेंगू का इलाज कराएं। अन्यथा नार्मल इलाज से पांच से सात दिनों में वायरल इंफेक्शन ठीक हो जाता है।
इन इलाकों में मिल रहा है डेंगू
- झलवा, लीडर रोड, कीडगंज, सुलेम सराय, नार्थ मलाका, नखास कोहना, बेरहना, जार्जटाउन, धूमनगंज, सदर बाजार, तेलियरगंज, रसूलाबाद, प्रीतम नगर, राजापुर, नैनी, कटरा, बमरौली, अल्लापुर और बेनीगंज।
अब तक मिले कुल डेंगू मरीज- 41
सक्रिय मरीज- 9
रिकवर मरीज- 32
मंगलवार को मिले मरीज- 2
वर्जनऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें वायरल फीवर के सामान्य मरीज का प्लेटलेट्स कम हो रहा है। ऐसे मरीजों की एलाइजा जांच में सच्चाई सामने आ जाती है। वरना डॉक्टर्स नार्मल जांच के बाद ही मरीज को डेंगू का मानकर उसका स्पेशल इलाज शुरू कर देते हैं। इससे मरीज भी भ्रमित हो जाता है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज