प्रयागराज ब्यूरो ।शहरी क्षेत्र में मकान बनवाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो थोड़ा रुकिए। घर में काम लगाते ही पीडीए रोक लगा सकता है। पीडीए रोड़ा नहीं बने इसलिए पहले नक्शा पास करा लें। नक्शा पास कराने के लिए किए गए 79 आवेदन को जांच अफसरों ने रिजेक्ट कर दिए है। नक्शा रिजेक्ट करने के कई अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। नक्शा आसानी से पास हो जाय, इस लिए सर्व प्रथम इसकी पूरी प्रक्रिया को समझना जरूरी है। एक छोटी सी गलती जमीन होने के बावजूद नक्शा पास होने में रोड़ा बन सकती है। महा योजना के दायरे में आने वाली जमीन पर ही मकान का नक्शा पास हो सकता है। यह महा योजना क्या है? हम आप बताएंगे। मगर, इसके पहले नक्शा के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया को समझ लीजिए। नक्शा के लिए आवेदन कैसे और कहां करना चाहिए यह जानना हर किसी के लिए जरूरी है।
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मकानों के नक्शे का पीडीए में आवेदन
332
मकानों का नक्शा मानक पर हुआ पास
79
नक्शे का आवेदन पीडीए ने किया रिजेक्ट
98
मकानों के नक्शे पर अफसरों की आपत्ति
42
घरों का नक्शा पीडीए में चल रहा लंबित
100
से ज्यादा आर्कीटेक व इंजीनियर रजिस्टर्ड
फिर नहीं फंसा पाएंगे भू-माफिया
पहले करिए पता फिर खरीदें जमीन
शहर में कहीं भी जमीन खरीद कर उस पर मकान या बिल्डिंग बनाने के लिए पीडीए से नक्शा पास नहीं करा सकते। मकान बनवाने के लिए जमीन की खरीदारी करते समय ही प्लानिंग करना चाहिए। पीडीए के लोग बताते हैं कि जमीन खरीदने से पहले व्यक्ति को विभाग में आना चाहिए। प्रयागराज विकास प्राधिकरण में यह पता करें कि महा योजना में ऐसी कहां की जमीनें हैं जिसका नक्शा पास हो सकता है। यह पता करने के बाद जिस जगह प्लाटर से जमीन खीरदने जा रहे हैं पता करें कि प्लाटिंग पीडीए से पास है या नहीं। यदि पीडीए से प्लाटिंग का नक्शा अप्रूव हो तभी वहां पर जमीन की खरीदारी करें। अन्यथा की स्थिति में पीडीए उस जगह पर मकान नहीं बनाने देगा। इस तरह आप का जमीन में लगाया गया पैसा फंस सकता है। प्लाटिंग करने वाले लोग तहसील की खतौनी दिखाएं तब भी पीडीए से पड़ताल करना जरूरी है। जमीन की खतौनी सही होने के बावजूद यह जरूरी नहीं कि आप वहां पर घर बना ही लेंगे। यदि शहरी छेत्र के हाउसिंग एरिया में जमीन होगी तभी नक्शा पास होगा और यह बात पीडीए से ही मालूम चलेगा।
ऐसे नक्शा के लिए होता है आवेदन
यदि जमीन महा योजना के द्वारा निर्धारित हाउसिंग प्लेस में है तो कोई बात ठीक है। मकान के लिए नक्शा पास कराने का आवेदन कर सकते हैं।
नक्शा के लिए आप अपने से आवेदन नहीं कर सकते। इसके लिए पहले आप पीडीए में रजिस्टर्ड करीब डेढ़ सौ आर्कीटेक व इंजीनियरों में किसी एक को पकड़ लीजिए।
उन्हें जमीन का सर्वे कराइए। सर्वे के बाद इंजीनियर या आर्कीटेक उस जमीन के अनुसार नक्शा तैयार करेंगे। फिर वही लोग ऑन लाइन यूपी ओबी पीएएस पोर्टल पर पीडीए में नक्शा पास के लिए आवेदन करेंगे।
इस प्रक्रिया को प्री अप्रूवल कहते हैं। आवेदन बाद एक निर्धारित फीस जमा करना होता है। फिर लखनऊ में आवेदन की ऑनलाइन स्क्रूटनी होती है।
इस प्रक्रिया के बाद पीडीए एनओसी देगा। बात यहीं से खत्म नहीं होती। इस पीडीए की एनओसी लेटर व मैप नगर निगम एवं तहसील में एनओसी के लिए लगाना होगा।
तहसील और नगर निगम की एनओसी के बाद पोस्ट अप्रूवल होता है। इसमें एक जेई पीडीए नियुक्त करता है।
इस तरह अधिकारी मकान बनाने के लिए नक्शा को अप्रूव कर देते हैं। इस अप्रूवल के पूर्व डिमांड यानी फीस जमा करना होता है।
जानिए क्या है महा योजना
दरअसल पीडीए शहर के भू-भाग को चिन्हित कर रखा है। इस सर्वे व चिन्हांकन में जमीन को कई प्रकार में बांटा गया है। जिसमें वन्य क्षेत्र, पार्क, ओपन एरिया, कछारी क्षेत्र, हाईवे या रोड सभी जमीन का एक नक्शा तैयार किया गया है। इसमें उसी जमीन पर मकान के लिए पीडीए नक्शा पास करता है जो महा माया योजना की हाउसिंग एरिया में निर्धारित है। यह पता करने के लिए आप को इंदिरा भवन सिविल लाइंस के आठवें फ्लोर पर स्थित नक्शा डिपार्टमेंट में जाना होगा। यहां नक्शा के डिपार्टमेंटल एक्शन मौजूद होते हैं। इन्हीं से यह मालूम चल जाएगा कि आखिर कहां की जमीन का नक्शा पास होगा और किस जगह की जमीन पर नहीं।
40 वर्ग मीटर में नक्शे की जरूरत नहीं
शहर के तमाम लोग मकान के लिए पीडीए से पास किए जाने वाले नक्शे को लेकर भ्रम की स्थिति में रहते हैं। विभागीय लोग बताते हैं कि ऐसे लोगों का मानना है कि आधा बिस्वा जमीन है तो नक्शे की जरूरत नहीं होती। मगर ऐसा नहीं है। एक्सपर्ट बताते हैं कि नक्शे में छूट सिर्फ चालीस वर्ग मीटर से कम भूमि को छूट दी गई है। यदि चालीस वर्ग मीटर से एक भी इंच जमीन ज्यादा है तो नक्शा पास कराना पड़ेगा।
नक्शा पास कराने में जो दिक्कत आती है उसमें सबसे ज्यादा लोगों में जानकारी का अभाव है। लोगों को चाहिए कि वह जमीन को खरीदने से पहले ही अच्छी तरह पड़ताल कर लेना चाहिए। मकान का नक्शा पास कराने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी समझना बहुत जरूरी है। यदि लोग इस प्रक्रिया को समझ लें तो कोई प्लाटर उन्हें धोखा नहीं दे सकता।
सत्यम त्रिपाठी, आर्कीटेक पीडीए रजिस्टर्ड