प्रयागराज (ब्यूरो)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस अंतरराज्यीय गैंग का सरगना जैकी कुमार सांसी पुत्र उमराव सिंह निवासी कडिय़ा थाना बोड़ा जिला राजगढ़ माध्य प्रदेश है। वह अपनी गैंग में गांव के ही कुनाल पुत्र जितेंद्र कुमार, कोहिनूर सांसी पुत्र मोहर सिंह, संतोष कुमार सांसी पुत्र रघुबीर और नैनी स्थित चक रघुनाथ निवासी रामू पटेल पुत्र शिवलाल पटेल को शामिल कर रखा था। इन्हीं पांचों शातिरों ने होटल में न्यायाधीश की भतीजी की रिंग सेरेमनी के दौरान ज्वैलरी से भरा बैग चोरी किया था। पूछताछ में पांचों ने गैंग के चार और गुर्गों का नाम कबूल किया है। पुलिस ने बताया कि इन वांछित गुर्गों में सरगना जैकी की सगी नानी बीना बाई निवासी कडिय़ा थाना बोड़ा जिला राजगढ़ मध्य प्रदेश व उसी गांव की संगीता पत्नी राजेंद्र कुमार व राजेंद्र कुमार और भूपेंद्र सिंह उर्फ पंकज पुत्र फूल कुमार सिंह निवासी चक रघुनाथ थाना नैनी भी शामिल हैं। संगीता के नाम खरीदी गई कार को ही यह गैंग घटना में प्रयोग किया था। कार को उसका पति राजेंद्र ड्राइव किया करता था। गिरफ्तार किए गए गुर्गों के कब्जे से होटल में चुराए गए डायमण्ड के हार, डायमंड की अंगूठी, सोने की पेण्डेंट सेट, चांदी की पायल, एक आई फोन, व 69 हजार रुपए कैश, दो तमंचा व कारतूस, घटना में प्रयुक्त अल्टो कार, काली कोट, सात चोरी व लूट के मोबाइल एवं आधार कार्ड और डीएल पुलिस ने बरामद किया है।


इस तरह गैंग तक पहुंची जांच टीम
होटल में हुई चोरी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद खुलासे के लिए एसएसपी द्वारा कुल पांच टीमें लगाई गईं। टीम मामले की तफ्तीश में जुटी और होटल के सीसीटीवी कैमरे में फुटेज को चेक किया गया। एक संदिग्ध फुटेज में दिखाई दिया जिसकी पहचान सरगना जैकी के रूप में की गई। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि इस गैंग में कुल नौ गुर्गे शामिल हैं। इस गैंग के लिए भूपेंद्र सिंह उर्फ पंकज सिंह पुत्र फूल कुमार सिंह निवसी चक रघुनाथ थाना नैनी, रामू पटेल पुत्र शिवराज पटेल निवासी चक रघुनाथ नैनी भी काम करते हैं। गैंग का सरगना जैसी 14 साल की उम्र से ही वारदात को अंजाम देने लगा था। इसके लिए वह पूरी ट्रेनिंग अपनी नानी बीना बाई से लिया था। पारंगत होने के बाद जैकी ने गैंग को विकसित किया था। पुलिस तलाश कर ही रही थी कि सूचना मिली कि एक अल्टो कार सीएमपी डॉट पुल के पास खड़ी है। इसी कार के नंबर को ट्रेस करते हुए पुलिस गैंग के ठिकाने तक जा पहुंची। जांच टीम मध्य प्रदेश सरगना के गांव संपर्क की तो पता चला कि वह और उसके साथी नैनी में कहीं रहते हैं। इसके लिए टीम नैनी में गैंग की तलाश में सर्च ऑपरेशन की शुरुआत की।

सटोरिया पंकज दे रखा था संरक्षण
नैनी में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस को मालूम चला कि सरगना जैकी भूपेंद्र सिंह उर्फ पंकज सिंह के मकान में चक रघुनाथ नैनी में किराए पर रहता है। पुलिस द्वारा छापा मारा गया तो जैकी व उसके गैंग के चारों गुर्गे पुलिस के हाथ लग गए। पुलिस ने बताया कि यह वही पंकज सिंह है जिसका नाम इन दिनों सट्टा और जुआ खेलवाने के मामले में चर्चा-ए-आम है। पंकज पांच हजार रुपये गैंग के सरगना जैकी से हर महीने किराया लिया करता था। कुछ दिन बाद जैकी के कारनामों की जानकारी पंकज को हुई तो वह पड़ोस के दोस्त रामू पटेल से उसकी मुलाकात करा दिया। इसके बाद पंकज व रामू मिलकर जैकी से घटना के बाद हिस्सा वसूलने लगे। पंकज लूट व चोरी में मिले माल की बिक्री का 20 प्रतिशत और रामू पटेल दस फीसदी हिस्सा लिया करता था।


इस तरह गैंग देता था घटना को अंजाम
गैंग का सरगना जैकी और उसके गुर्गे दिन भर घूम कर उस होटल व मैरिज हॉल की रेकी करते थे जहां पर सजावट का काम चल रहा होता था। डेकोरेशन करने वालों से ही वह प्रोग्राम की जानकारी और डेट आदि मालूम कर लेते थे। सारी जानकारी करने के बाद सभी वापस कमरे में पहुंच जाते थे। चूंकि प्रोग्राम शादी और विवाह का होता था। लिहाजा शातिर स्मार्ट बनकर पूरी तरह तैयार होने के बाद कोट हाथ पर टांग लेते थे। किसी शरीफ आदमी की तरह वह कार्यक्रम में शामिल हो जाते थे। सरगना जैकी के साथ गुर्गा कुनाल प्रोग्राम में उस व्यक्ति को टारगेट करता जिसके पास पैसों या ज्वैलरी से भरे बैग हुआ करते थे। दबे पांव उसी बैग वाले लड़की या कन्या पक्ष के व्यक्ति के पास जाकर बैठ जाते थे। जैसे ही वह बैग रखता था जैकी हाथ में टंगी कोट बैग पर रख देता था। इसके बाद कोट के नीचे दबी बैग को कोट सहित उठाकर चला जाता था। इस घटना को अंजाम देते वक्त कार लेकर राजेंद्र बाहर खड़ा रहता था। जबकि अन्य गुर्गे आसपास लोगों पर नजर रखते थे। सभी एक दूसरे से सिर्फ आंखों का इशारा करके बातें किया करते थे।

इन जवानों ने किया इनाम वाला काम
होटल में सनसनी खेल चोरी की वारदात के खुलासे में इन जवानों ने इनाम देने वाला काम किया। एसएसपी ने बताया कि एसपी सिटी दिनेश सिंह के नेतृत्व में टीम के सिविल लाइंस इंस्पेक्टर वीरेंद्र यादव, एसओजी प्रभारी वैभव सिंह, आईसीसीसी प्रभारी रेडियो निरीक्षक रामपूजन पांडेय, वरिष्ठ उप निरीक्षक इंद्रदत्त द्विवेदी, उप निरीक्षक राकेश चंद्र शर्मा सिविल लाइंस चौकी प्रभारी, उप निरीक्ष्ज्ञक रोहित मयंक, अभयचंद्र, आशीष कुमार एसओजी नगर, शांतनु चतुर्वेदी सर्विलांस सेल प्रभारी, एसओजी के मुख्य आरक्षी मनीष सिंह, जियाउद्दीन, कम्प्यूटर आपरेटर प्रवीण कुमार मिश्र सर्विलांस सेल, आरक्षी श्याम बहादुर, उस्मान, अमरेंद्र पीयूष, धर्मेंद्र, अखिलेश राय, सुशील कुमार, देवेंद्र प्रताप सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, आशुतोष सिंह, सौरभ कुमार उत्तर, राजेश यादव, अमोद कुमार, महिला आरक्षी पूजा देवी सहित कुल 28 पुलिस के जवान शामिल हैं। इन सभी के लिए शीर्ष अफसरों द्वारा एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।


यह अंतरराज्यीय गैंग प्रयागराज में ही नहीं मध्य प्रदेश, उज्जैन, देवास तथा भोपाल तक में घटनाओं को अंजाम दे चुका है। हर जगह से संपर्क करके सारे क्राइम रेकार्ड खंगाले जा रहे हैं। गैंग के सरगना समेत गुर्गों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार करने वाली टीम को एक लाख का इनाम शीर्ष अफसरों द्वारा घोषित किया गया है। मेरे द्वारा इस सराहनीय कार्य के लिए 25 हजार का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
अजय कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज