डिवाइडर के लिए लोहे की जाली नुमा बैरियर को भी कर दिया गया है गायब
ई-रिक्शा और बाइक व तिपहिया इस कट से टर्न होकर बढ़ा रहे हैं हादसे का खतरा
प्रयागराज (ब्यूरो)। वाराणसी व गोरखपुर, जौनपुर और बलिया आदि जनपदों शहर से शास्त्री ब्रिज कनेक्ट करता है। अलोपीबाग चुंगी होते हुए इस ब्रिज से लोग उन सभी जनपदों में शहर से लोग आवागमन करते हैं। दिन रात इस रूट पर गाडिय़ों की फर्राटा भरती रहती हैं। बताते हैं कि वर्षों पूर्व इस रूट पर हादसे बहुत हो रहे थे। हादसों को रोकने के लिए अलोपीबाग चुंगी से शास्त्री ब्रिज पर रोड के बीच डिवाइडर बनाया गया था। मंशा थी कि डिवाइडर बन जाने के बाद शहर से वाराणसी जाने व आने वाले लोग अपने-अपने रूट से बीच में बगैर कहीं लेन बदले सुरक्षित सफर कर सकेंगे। डिवाइडर काफी नीचे थे लिहाजा लोकल लोग बीच से है साइकिल व पैदल रोड क्रास करके लेन बदलने लगे। इससे बनाए गए डिवाइडर के बावजूद हादसे हो रहे थे। यह देखते हुए सरकारी खर्च पर डिवाइडर के बीच लोहे की लाली लगा दी गई। ताकि लोग इसे लांग लांग नहीं सकें। इसके बाद यहां इस रोड पर हादसों में डिवाइडर पार करने के कारण हो रहे हादसे बंद हो गए। कुछ वर्षों तक सब कुछ ठीक चला, लोकल लोग बताते हैं कि दो तीन साल पूर्व चोरी छिपे लोग डिवाइडर व इस पर लगाई गई जाली को जगह-जगह तोड़कर अवैध कट बना दिए। क्योंकि उन्हें सामने भी जाने के लिए शास्त्री ब्रिज व चुंगी जाकर रोड पर दूसरी ओर पहुंचना पड़ता था। आज स्थिति यह है कि इस अवैध कट की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। अवैध कट से न सिर्फ बाइक बल्कि ई-रिक्शा और तिपहिया वाहन भी आराम से रोड पर एक से दूरे लेन पर आ रहे हैं। रोड पर स्पीड में आ रही गाडिय़ां अवैध कट से मुडऩे वालों को टक्कर मार देती हैं।
आप भी जानिए कहां है अवैध कट
अलोपीबाग चुंगी से शास्त्री ब्रिज की तरफ थोड़ी दूर चलते ही डिवाइडर को काफी दूर तक तोड़ दिया गया है।
डिवाइडर के बीच में लगाई गई लोहे की जाली तक को तोड़कर अज्ञात लोगों ने गायब कर दिया है।
गायब की गई जाली में कम से कम डेढ़ दो क्ंिवटल लोहा के लगे होने की बात लोग बता रहे हैं
इससे आगे बढऩे पर डिवाइडर के बीच लगे ट्रांसफार्मर के पास एक छोटा अवैध कट है,
इस कट से तिपहिया तो नहीं पर बाइक व ई-रिक्शा चालाक आराम से बीच रोड टर्न होकर लेन चेंज करते रहते हैं
इस ट्रांसफार्मर से थोड़ा आगे शास्त्री ब्रिज के पहले भी एक और अवैध कट है, इससे बाइक आराम से टर्न हो जाती है
इसका जिम्मेदार स्थाई लोग और पीडब्लूडी व नगर निगम है। ऐसे कट की वजह से आए दिन साइकिल और बाइक वाले एक्सीडेंट के शिकार होते हैं। ज्यादातर स्कूली बच्चों को दिक्कत होती है। प्रशासन को इस और ध्यान देने जरूरत है। समय रहते डिवाइडर पर बनाए गए अवैध कट बंद दिए जाय।
प्रियांशु मिश्रा
डिवाइडर बनाते समय प्रशासन ने इसे बंद किया था, लेकिन लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते उसे फिर से खुलवा दिया। यह सब देखकर ऐसा लगता है कि लोगों को कोई अच्छी चीज पसंद आती ही नहीं।
प्रतीक पांडेय
यहां 100 से अधिक स्पीड में गाड़ी चला रहे हैं। पर एक डेढ़ किलो मीटर यू टर्न लेन कर लेन यानी रोड चेंज करने उन्हें सबसे बड़ा खर्च दिखाई देने लगता है। इसी ऐसे लोग भी चाहते हैं कि इस तरह के अवैध कट बने रहें। फिर हादसे में किसी की जान भले चली जाए। आदमी को समझ तब आता है जब वह ऐसे कट के चलते किसी अपने को खोता है। अधिकारी तो बस अपनी ड्यूटी की खानापूर्ति करते हैं। उन्हें सब कुछ मालूम है, वह कुछ करना नहीं चाहते।
गौतम सिंह
जब डिवाइडर बनाने वाले खुद कुछ खास लोगों की सुविधा के लिए बीच-बीच डिवाइडर में कट छोड़कर दुर्घटना को बढ़ावा दे रहे हैं, तो पब्लिक की क्या कहें? साथ ही लोग अपनी सुविधानुसार कट बना रहे हैं। विभाग भी उतना ही दोषी है जितना की आम जनता। किसी को भी ऐसे कार्य की छूट नहीं देनी चाहिए।
सैय्यद मो। अस्करी
आप के द्वारा कई दिनों से उठाई जा रही यह समस्या संज्ञान में आई है। दिक्कत यह है कि सिर्फ डिवाइडर के लिए विभाग के पास कोई बजट नहीं होता। कुंभ के लिए सड़कों के मेंटिनेंस का बजट मांगा गया है। चूंकि अब चीजें संज्ञान में आ गई हैं। बजट आते ही रोड के साथ निश्चित रूप से डिवाइडर भी दुरुस्त कराए जाएंगे।
केके आहूजा, मुख्य अभियंता पीडब्लूडी