दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी चेक में कई थानों पर बैट्री के चलते खराब मिला थर्मल स्कैनर

कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामले, लेकिन थानों में नहीं बरती जा रही सावधानी

गुरुवार को लगातार तीसरे दिन एक हजार से ज्यादा केस रिकॉर्ड किये गये। कोरोना के बढ़ते मामलों ने प्रशासनिक अमलों की नींद उड़ा दी है। हाई कोर्ट से लेकर शासन तक इस पर गंभीर है। जिले में नाइट कफ्र्यू लागू कर दिया गया है। शिक्षण संस्थान 20 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिये गये हैं। मास्क चेकिंग में एक दिन में हजार से ज्यादा लोगों का चालान किया जा रहा है। इतने के बाद भी पुलिस विभाग के कर्मचारियों की थाने में होने वाली सिंपल फीवर की जांच बंद हो गयी है। कारण सिर्फ 30 रुपये का बजट आवंटित न होना है। एक्युअली थर्मल स्कैनर तो शासन ने उपलब्ध करा दिया लेकिन इसे एक्टिव रखने के लिए बैट्री का प्रावधान नहीं किया। नतीजा कई थानों में थर्मल स्कैनर शो पीस बने हुए हैं। यह सच सामने आया दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में।

स्पॉट -1, थाना जार्जटाउन

दोपहर साढ़े तीन बजे रिपोर्टर जार्जटाउन थाने पहुंचा, यहां महिला सिपाही बैठी हुई थी। थर्मल स्कैनर के बारे में पूछने पर टेबल पर कहीं पड़े होने की बात कही। टेबल के पास जाकर रिपोर्टर ने देखा तो थर्मल स्कैनर रखा हुआ था। चेक करने पर एरर बताया। दोबारा चेक पर ऑन ही नहीं हुआ। इतने पर एक महिला सिपाही आई और थर्मल स्कैनर लेकर चेक करने के लिए पहले माथे फिर हाथ पर लगाया। थर्मल स्कैनर के न वर्क करने पर हंसते हुये बैटरी डाउन का हवाला दिया। रिपोर्टर ने पूछा आखिरी बार कब चेक किया था। जवाब न देते हुए बैटरी को हिलाया-डुलाया। बावजूद मशीन ऑन नहीं हुई। यहां रखी सेनेटाइजर की बोतल भी खाली पड़ी थी।

स्पॉट-2, थाना कर्नलगंज

जार्जटाउन से रिपोर्टर कर्नलगंज थाने पहुंचा तो यहां कोविड डेस्क गायब था। मेन गेट पर सेनेटाइजर जरूर रखा हुआ मिला। सामने एक टेबल पर कुछ पुलिसकर्मी मास्क में तो कई बगैर मास्क के फाइलों में उलझे हुए थे। सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन नहीं हो रही थी। एक सिपाही से थर्मल स्कैनर के बारे में पूछा तो जवाब मिला, पता नहीं। दोबारा रिपोर्टर ने कोविड हेल्प डेस्क पर मौजूद थर्मल स्कैनर व सेनेटाइजर के बारे में पूछने पर उल्टे सवाल आया, करना क्या है? रिपोर्टर ने सवाल किया कि अगर कोई फरियादी थाने आ जाये तो थर्मल स्कैनर से चेक नहीं होता है क्या। बार-बार सवाल करने पर सिपाही को शक हुआ तो थर्मल स्कैनर एक महिला सिपाही को ढूंढने के लिए कहा। काफी देर तक ढूंढने के बाद एक टेबल के अंदर से थर्मल स्कैनर मिला। मोबाइल से फोटो क्लिक होते देख एक्टिव हो गए। खाली टेबल पर हेल्प डेस्क का बोर्ड लग गया और महिला सिपाही को मास्क पहनाकर बैठा भी दिया गया।

स्पॉट-3, थाना शिवकुटी

जार्जटाउन से रिपोर्टर शिवकुटी थाने पहुंचा तो यहां कोविड हेल्प डेस्क से थर्मल स्कैनर और सेनेटाइजर दोनों ही नदारद था। पूछने पर एक महिला सिपाही ने अंदर जाकर चेक कराने का इशारा किया। वहां मौजूद सिपाही ने बताया कि यहां आने वाले लोगों की जांच होती है। लेकिन इस बीच नहीं कर पा रही हूं। थर्मल स्कैनर को जब दो बार बैटरी निकाल कर लगाया तो वह शुरू हुआ। यहां भी पुरानी बैटरी की समस्या दिखाई दी।

स्पॉट-4, पुलिस लाइन

पुलिस लाइन में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ होमगार्डो का आवागमन रहता है। लेकिन यहां भी कोरोना नियमों की अनदेखी की जा रही है। गुरुवार को एक गाड़ी से पुलिसकर्मियों के साथ होम गार्ड उतरे। सभी डयूटी लगवाने के लिए नीम के पेड़ के नीचे झुंड लगाकर आपस में बात कर रहे थे। इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी को छोड़कर कोई भी मास्क नहीं लगाया था। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही थी।

यह काम है कोविड हेल्प डेस्क का

थाना परिसर में एंट्री करने से पहले टेंपरेचर चेक करना

रजिस्ट्रर पर नाम, मोबाइल नंबर के साथ टेंपरेचर नोट करना

उसके बाद हाथों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर उपलब्ध कराना

टेंपरेचर ज्यादा होने पर एंट्री पर रोक

ज्यादा इमरजेंसी नहीं है तो कोविड हेल्प डेस्क पर मौजूद पुलिसकर्मी को शिकायत पत्र देना

17

रुपये में मिलता है कंपनी की एक बैटरी

02

बैटरी सेल लगता है थर्मल स्कैनर में

34

रुपये मात्र आता है दो बैटरी सेल में खर्च

60

लोग औसतन हर थाने में रोजाना अपनी समस्या लेकर आते हैं

थर्मल स्कैनर सभी थानों को दिए गए थे। यदि वे खराब हैं या फिर बैटरी खराब के बेकार पड़ा है तो चेक किया जाएगा। सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि हर शख्स की चेकिंग होनी चाहिए। खराब हो गए हैं तो दूसरे की मांग करनी चाहिए। कोरोना को लेकर लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं की जाएगी।

प्रेम प्रकाश

एडीजी जोन प्रयागराज