प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के विस्तार लेने के चलते ट्रेनो का संचालन प्रभावित हुआ था। संक्रमण रोकने के लिए ट्रेनों का संचालन भी बंद किया गया था। इसके बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो रेलवे ने एसी कोच के सभी पर्दे हटवा दिये थे। इसके साथ ही बेड रोल भी दिया जाना बंद कर दिया गया था। इसके चलते ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स के लिए घर से बेड रोल करना मजबूरी हो गया था। इससे उन पैसेंजर्स को ज्यादा दिक्कत हो रही थी जिन्हें रात में ट्रेवल करके इंटरव्यू या परीक्षा देने के लिए जाना था। उनके लिए कंबल चद्दर लेकर चलना चैलेंजिंग हो गया था। पैसेंजर्स की तरफ से इस पर क्वैरी की जाने लगी तो रेलवे ने प्लेटफॉर्म पर डिस्पोजेबल बेड रोल बिक्री का आदेश दिया था। इससे एक पैसेंजर पर दो सौ रुपये का खर्च बढ़ गया था। यह सुविधा पैसेंजर्स को रास नहीं आयी नतीजा इसकी बिक्री का काउंटर तो खुला रहा लेकिन खरीदार गायब थे। अब जबकि सब कुछ सामान्य हो चला और रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनो तक का संचालन शुरू कर दिया तो बेड रोल और पर्दे की वापसी की मांग जोर पकडऩे लगी थी। इस पर गुरुवार को रेलवे ने तत्काल प्रभाव से इस सुविधा को बहाल करने की घोषणा की थी।

प्राइवेसी भी रहेगा बरकरार
ट्रेन के एसी कोच में साइड की दोनो सीटों पर पर्दे की व्यवस्था की थी। बड़े पर्दे से कोच के एक हिस्से को सेपरेट किया गया था। इससे पैसेंजर्स को प्राइवेसी मिलती थी। पर्दे हटा दिये जाने से किसी भी स्टेशन पर पैसेंजर्स के चढऩे उतरने से लम्बी दूरी के मुसाफिरों को दिक्कत होती थी। रात में भी उनकी नींद डिस्टर्ब होती थी। इसके अलावा छह सीट वाले हिस्से में लंच, डिनर ब्रेक फास्ट को लेकर भी प्राइवेसी रहेगी। अननेसेसरी लाइट उन्हें डिस्टर्ब नहीं करेगी। बेड रोल के साथ पर्दे की वापसी लम्बी दूरी तक यात्रा करने वाले पैसेंजर्स के लिए बड़ी राहत देने वाली है। रेलवे अफसरों का कहना है कि आदेश पर आज से इम्प्लीमेंटेशन शुरू हुआ है। प्रयागराज एक्सप्रेस के सभी एसी कोच में पर्दे लगा दिये गये हैं। रेलवे अफसरों का कहना है कि बाकी ट्रेनों में भी जल्द ही यह सुविधा बहाल कर दी जाएगी।

एसी कोच में सफर के चलते एहतियातन भी कंबल और चद्दर कैरी करना पड़ता था। इसके लिए अलग से बैग लेकर चलना पड़ता था। बेड रोल मिलना शुरू हो जाने से बड़ी राहत मिल गयी है। अब इसे लेकर चलने की टेंशन नहीं रहेगी। अपना स्टेशन आने से पहले चद्दर कंबल लपेटकर बैग में रखने की टेंशन नहीं रह जाएगी। अच्छा फैसला है।
- डा विमला

ठंड के समय तो ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ रही थी। कंबल चादर साथ लेकर चलना मजबूरी था। इसका बैग हमारे रेग्युलर यूज के सामान वाले बैग से ज्यादा बड़ा हो जाता था। इसे लेकर चलने में आड फील होता था। कई बार इसे रखा कहां जाय यह भी समस्या खड़ी हो जाती थी। डिस्पोजेबल सर्विस थी लेकिन उसमें मजा नहीं आता था और पैसे भी एक्स्ट्रा पे करने पड़ते थे।
- गौरव सिंह

सुविधा बहाल किये जाने की जानकारी थी लेकिन यह भी डर था कि नहीं मिला तो क्या करेंगे? एहतियात के तौर पर तो आज बेड रोल घर से लेकर ही आये थे। यहां सुविधा बहाल हुई देखी तो बैग छोडऩे आए छोटे भाई को लौट दिया। आदमी को बिजनेस वर्क के लिए अक्सर जाना होता है और उसी दिन लौटना होता है। उसके लिए बैग अलग से कैरी करना झंझट का काम होता है।
- सौरभ

इतना महंगा एसी टिकट आदमी इसलिए लेता है क्योंकि ट्रेन में प्राइवेसी भी रहे। लेकिन एसी ट्रेनों में पर्दे तक हटाया दिया गया था। लेकिन यह सुविधा बहाल होने से प्राइवेसी के साथ अलग से चादर के लिए बैग कैरी का झंझट खत्म हुआ है। इसके लिए रेलवे को तहे दिल से धन्यवाद।
- प्रिंस

रेलवे मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से सुविधा बहाल करने का आदेश दिया था। इसलिए आज से ही इसकी शुरूआत की जा रही है। शुक्रवार को रवाना होने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर करने वाले पैसेंजर्स को बेड रोल दिया जा रहा है। सभी एसी कोच में पर्दे भी लगवा दिये गये हैं। बाकी ट्रेनों में जल्द ही यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
अमित कुमार सिंह पीआरओ