प्रयागराज (ब्यूरो)वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में अब फर्जीवाड़ा नही होगा। यह आटोमेटिक सेंटर के जरिए जारी होंगे। अगर बार बार चेकिंग में वाहन फेल होते हैं तो इन्हे स्कै्रप में डाल दिया जाएगा। इसके लिए नाम्र्स भी तैयार कर लिया गया है। जल्द ही प्राइवेट एजेंसियों का भी चुनाव कर लिया जाएगा। मार्च के बाद यह सेंटर वर्किंग मोड पर आ जाएंगे। हालांकि वर्तमान में यह पूरी प्रक्रिया मैनुअल है और आए दिन फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की प्रणाली पर सवालिया निशान लगाए जाते हैं।

12 कपंनियों ने किया है आवेदन
मुंडेंरा स्थित आरटीओ कार्यालय में रोजाना दर्जनों वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। यह पूरी तरह से मैनुअल होता है। लेकिन अब सरकार की मंशा है कि भविष्य में आटोमेटिक फिटनेंस सेंटर स्थापित किया जाए। जहां पर कैमरों और साफ्टवेयर की मदद से फिटनेस रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी। कोई वाहन नाम्र्स पर खरा नही उतरता है तो उसे दूसरा मैाका दिया जाएगा। वाहनों की संख्या को देखते हुए प्रयागराज में कुल तीन सेंटर खोले जाने हैं। इसका ठेका प्राइवेट कंपनियों को दिया जा रहा है।

खत्म कर दी टेंडर प्रक्रिया
पूर्व में तीनों सेंटर खोलने के लिए आरटीओ कार्यालय की ओर से टेंडर निकाले गए थे लेकिन इनमें प्राइवेट कंपनियों द्वारा रुचि नही लेने पर सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को ही खत्म कर दिया। इसके बाद ओपेन आवेदन मांगे गए। जिसमें एक दर्जन फर्म ने आवेदन किया है। अब इनमें से तीन फर्मों का चयन किया जाना है। बाद में यही अपना सेंटर संचालित करेंगे। इन फर्मो को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सरकार के सभी नाम्र्स को फालो करना होगा।

दिया जाएगा तीन चांस
किसी भी वाहन को अपनी फिटनेस प्रूव करने के लिए तीन चांस दिया जाएगा।
इसके बावजूद वह मानक पर खरा नही उतर तो वाहन को स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा।
यह प्रक्रिया आटोमेटिक और तकनीक पर आधारित होगी इसलिए कोई भी मनमानी भी नही चल सकेगी।
अधिकारियों का कहना है कि वाहन मालिकों को फिटनेस के लिए भेजने से गाड़ी के रखरखाव पर भी ध्यान देना होगा।
अन्यथा उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
किसी भी हाल मे यह सेंटर अप्रैल 2024 तक संचालित किए जाने हैं जिसकी तैयारियां चल रही हैं।

फिटनेस जांच सेंटर संचालित करने की प्रक्रिया चल रही है। अगले साल अप्रैल तक इन्हे खोला जाना है। वाहनों की फिटनेस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हेागी। जिसमें नियमों का पूरा पालन कराया जाना है।
राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन प्रयागराज