प्रयागराज (ब्यूरो)। सोरांव ब्लॉक के पुरगांव की रहने वाली संजू मौर्या ने सितंबर 2019 में विद्युत सखी के रूप में काम शुरू किया। यह आजीविका मिशन के तहत सरकारी योजना है और इसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाता है। जब संजू ने यह काम शुरू किया तब बिजली बिल जमा कराने वाली मशीन सरकार निशुल्क नही दे रही थी। इसको लेने में नौ हजार रुपए चुकाना पड़ता है। लोगों से उधार लेकर संजू ने यह मशीन खरीदी और घर-घर जाकर बिजली बिल वसूलने लगीं। वह बताती हैं कि यह मेरे लिए करो या मरो का सवाल था। क्योंकि परिवार में कभी कभी नमक खरीदने के पैसे नही होते थे। अगर मशीन का पैसा डूब जाता तो हम सड़क पर आ जाते।

काम नही मिला तो दीवारों पर लिख दिया मोबाइल नंबर

संजू बताती हैं कि शुरुआत में वह गांव में जाती थी तो लोग हमें फ्राड समझते थे। कहते थे कि हम उनका पैसा लेकर भाग जाएंगे। बार-बार जाने के बाद भी लोग बिल का पैसा नही देते थे। ऐसे में मैंने गांव-गांव जाकर दीवारों पर अपना मोबाइल नंबर लिखना शुरू किया। लिखा कि बिजली बिल जमा कराने के लिए संपर्क करें। धीरे-धीरे लोगों का फोन आने लगा। वर्तमान में बनकट, मटियारा, माधोनगर, मोहनगंज, बिगहिया, दोहरी समेत नौ गांव में लोगों का बिल मैं जमा कराती हूं।

लोगों को भी होता है फायदा

इस योजना से गांव के लोगों को फायदा है। पहले वह दो से ढाई सौ रुपए बिल होने पर ध्यान नही देते थे और लापरवाही में यह बढ़कर नौ से दस हजार हो जाता था। बाद में उन्हे बिजली विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ता था। अब छोटे एमाउंट भी मैं लेकर जमा कर देती हूं। तीन साल में मैंने 40 लाख से अधिक कलेक्शन किया है और इससे मिलने वाले कमीशन से मेरे परिवार का भरण पोषण चल रहा है।

करती हैं जैविक खेती, देती हैं ट्रेनिंग

आजीविका मिशन की विद्युत सखी योजना से 400 महिलाएं वर्तमान में जुड़ी है ंऔर इन सबके लिए संजू एक मिसाल से कम नही हैं। वह अपने गांव की चार विस्वा जमीन पर जैविक खेती भी करती हैं और इसकी ट्रेनिंग देकर कुछ पैसे भी कमा लेती हैं। उनके पति विनोद मौर्या हर कदम पर पत्नी के साथ रहते हैं और उनकी पूरी हेल्प करते हैं। दोनों मिलकर अपने दो बच्चों का भविष्य बनाने में जुटे हैं। एनआरएलएम के डिप्टी कमिश्नर अजीत कुमार कहते हैं कि बाकी महिलाएं भी अच्छा कलेक्शन कर रही हैं। वह भी संजू मौर्या के कामयाबी की मिसाल देते हैं।