130

कुल आइसोलेशन कोच बनाए गए है उत्तर रेलवे मध्य जोन में

40

कोच प्रयागराज मंडल को बनाकर दिया गया

20

कोच जिसमें से कानपुर भेजे गए

20

आइसोलेशन कोच सूबेदारगंज रेलवे यार्ड पर खड़े हैं

विभागीय तालमेल के अभाव में आइसोलेशन कोच का नहीं हो सका उपयोग

Vinay.ksingh@inext.co.in

कोरोना पेशेंट्स को आइसोलेट करने के लिए तैयार कराए गए ट्रेन के कोच दो फेज में धूल खाते रह गये। कोरोना संक्रमण फैलने के पीक डेज में भी इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सका। दरअसल डेढ़ दर्जन से अधिक तैयार आइसोलेशन कोच सूबेदारगंज स्टेशन के यार्ड पर खड़ी धूल खाती रही। इस कोच को अप्रैल 2020 में स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे ने आइसोलेशन कोच में तब्दील किया था। इसे 'कोविड केयर कोच' नाम दिया गया। विभागीय तालमेल के अभाव में इन कोचों का अभी तक उपयोग नहीं हो सका।

सूबेदारगंज जंक्शन पर ही खड़े

उत्तर मध्य रेलवे जोन ने 130 आइसोलेशन कोच तैयार किए थे।

इसमें से प्रयागराज मंडल में 40 आइसोलेशन कोच दिये गये।

20 आइसोलेशन कोच को विभागीय अधिकारियों के निर्देशन पर कानपुर भेज दिया गया।

बाकी के 20 आइसोलेशन कोच इन दिनों सूबेदारगंज स्टेशन यार्ड पर खड़े हैं।

अब रेलवे के कर्मचारियों में भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, जिसके बाद बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए रेलवे ने अपने स्तर पर कई कदम उठाए हैं।

इनमें से एक कदम इन कोचों को उपयोग में लाना है।

हर कोच में 10 केबिन

प्रयागराज मंडल के मैकेनिकल विभाग ने जनरल कोच को आइसोलेशन कोच में बदला था।

हर कोच में 10 केबिन हैं, जिसमें से एक डॉक्टर और दूसरा दवाइयों और उपकरण के लिए हैं।

शेष 8 कोच मरीजों के लिए रखा गया है। एक केबिन में दो बेड लगाए गए हैं।

आइसोलेशन कोच में अभी ऑक्सीजन की व्यवस्था फिलहाल नहीं है।

जरूरत पड़ने पर सभी आइसोलेशन कोच में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे जा सकते हैं, जिससे इनमें भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमितों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।

रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि अभी तक जिला प्रशासन ने इन कोचों को नहीं मांगा है।

निर्धारित की गयी प्रक्रिया

मंडल की ओर से तैयार कराए गए आइसोलेशन कोच का उपयोग प्रदेश शासन या जिला प्रशासन को करना है।

राज्य शासन या जिला प्रशासन को रेलवे से आधिकारिक तौर पर इन्हें लेना होगा।

यदि ऐसा होता है तो इनमें कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा सकता है।

ऐसा है आइसोलेशन कोच

साइड अपर और अपर सीट नहीं है

ऑक्सीजन सिलेंडर समेत अन्य मशीनें लगाने की है व्यवस्था

बाथरूम को बनाया गया है लैब

प्रत्येक कोच का पहला केबिन डॉक्टर्स और अंतिम केबिन स्टाफ के लिए है

ये सुविधाएं भी

खिड़कियों पर लगाई गई है मच्छरदानी

प्रत्येक केबिन को प्लास्टिक के पर्दे से किया गया है कवर

प्रत्येक केबिन में डस्टबिन भी रखी है

रेलवे राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रही है पर सरकार ने इसका उपयोग करने आदेश अभी तक जारी नहीं किया है।

शिवम त्रिपाठी,

सीपीआरओ एनसीआर

स्थानीय प्रशासन चाहे तो उसे भी ये कोच मुहैया कराए जा सकता है। आइसोलेशन कोच के उपयोग के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं रेलवे मंत्रालय का प्रोटोकॉल है।

अमित सिंह

जनसम्पर्क अधिकारी, प्रयागराज मंडल