प्रयागराज (ब्यूरो)। अतीक का रसूख अपनी जगह पर लेकिन उससे बैर रखने वाले लोग भी कम नहीं थे। बैर रखने वाले लोग कमजोर दिखते जरूर थे लेकिन कमजोर वास्तव में थे ऐसा बिल्कुल नहीं था। उमेश पाल ने अतीक एंड कंपनी का कभी हथियार से सामना नहीं किया लेकिन उन्हें सजा दिलाने के लिए डटे रहे तो कुछ ऐसे भी रहे जिन्होंने हमला करने जैसा रिस्क भी लिया था।
पेशी पर लाया गया था तब
अतीक पर बम से हमला किये जाने की घटना 2007-08 की बतायी जाती है। पुराने लोग बताते हैं कि उस समय एसओ जार्जटाउन देवेन्दर सिंह हुआ करते थे। वह अतीक को लेकर कचहरी में पेशी पर पहुंचे थे। पेशी से आते वक्त उन पर बम से हमला किया गया था। संयोग था कि बम अतीक को नहीं लगा। छर्रे लगने से देवेन्दर सिंह जख्मी जरूर हो गये थे। शनिवार की रात अतीक पर हमला होने के बाद यह घटना अपने आप ताजा हो गयी। इस बार हत्यारों ने अतीक और अशरफ को गोली मारी और पुलिस वाले एक फायर तक नहीं कर सके। हत्यारों ने अपना काम किया और सरेंडर कर गये। अब पुलिस को पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि उनका दोनों की हत्या के पीछे मकसद क्या था। हत्यारों के जय श्री राम का नारा लगाते हुए वीडियो भी वायरल हुआ है इससे पुलिस के लिए और बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है।