प्रयागराज ब्यूरो । मां गंगा के तट पर कवियों ने खूब चुटीले शब्दबाण चलाए। एक से बढ़कर एक रचनाओं से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौका था हरिहर गंगा आरती समिति के गंगा महोत्सव का। रामघाट पर चल रहे महोत्सव के आठवें दिन शुक्रवार की शाम काव्य गंगा का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम मां गंगा की आरती उतारी गई। समिति के महासचिव अवधेश चंद्र गुप्ता ने मां गंगा की निर्मलता का संकल्प दिलाया। लखनऊ की शशि श्रेया ने वाणी वंदना प्रस्तुत किया। कानपुर के मुकेश मानक ने 'गिनने में युग बीतें, इतने पाप किये लोगों ने, साफ मुझे करने में लाखों साफ किये लोगों नेÓ सुनाया।
बाराबंकी के विकास बौखल ने 'बोला विपक्ष पक्ष के हर सीन पे शक है-यूपी से दिल्ली तलक बस तीन पे शक हैÓ सुनाकर तालियां बटोरीं। ङ्क्षसगरौली मध्य प्रदेश से आए लक्ष्मीकांत निर्भीक ने राष्ट्र वंदना के गीत गूंजे चहुं ओर बंधु देश प्रेम वाला परिवेश होना चाहिएÓ सुनाया। संचालन कर रहे गीतकार शैलेंद्र मधुर नेआ परदेसी तुझे घुमाऊ अपने शहर की गलियों में-नए रंग कुछ तुम्हें मिलेंगे उड़ती हुई तितलियां मेंÓ सुनाया। इनके अलावा डा। आभा श्रीवास्तव मधुर, अखिलेश द्विवेदी, अमित जौनपुरी, योगेश झमाझम नजर इलाहाबादी, आयुषी त्रिपाठी ने काव्यपाठ किया। अध्यक्ष सुरेश चंद्रा व विपुल मित्तल ने अतिथियों का स्वागत किया। नरेंद्र मौर्य चुन्नू बाबा, प्रमोद पांडे, लालजी यादव, मिठाई लाल अज्जू, प्रभात मुखर्जी आदि उपस्थित रहे।

तबियत ये टना टन है टनाटन ही रहेगी
संगम महा आरती समिति, जिला प्रशासन, मेला प्राधिकरण व जय त्रिवेणी जय प्रयाग सेवा समिति की ओर से जगदीश रैंप पर आयोजित गंगा महोत्सव के आठवें दिन कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। मेयर गणेश केसरवानी, नागेंद्र ङ्क्षसह, उदय प्रताप ङ्क्षसह, ओपी यादव, प्रतिमा रावत, रमा यादव, नितिन यादव ने मां गंगा की आरती उतारी। बटुक ब्राह्मणों और कन्याओं वैदिक अनुष्ठान से आरती कराई। इसके बाद कवि गौरव चौहान ने Ó भक्त हो तो तुम्हें भगवान दिखाई देंगे-सारे कष्टों के समाधान दिखाई देंगेÓ सुनाया। डा। वंदना शुक्ला ने 'पावन पुनीत संगम गंगा की धार है- हनुमत भी जहां आकर आराम कर रहेÓ सुनाया। डा। श्लेष गौतम ने 'तबियत ये टना टन है टनाटन ही रहेगी-पावन थी सदा भावना पावन ही रहेगीÓ सुनाकर राजनीतिज्ञों पर कटाक्ष किया। समिति के अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कवियों को सम्मानित किया। आशुतोष पालीवाल, अंकुश शर्मा, विपिन सोनकर, छाया पांडेय, आचार्य कृष्णदत्त तिवारी आदि मौजूद रहे।