प्रयागराज ब्यूरो जिले में इस साल बारिश नही हो रही है लेकिन नदियों का जलस्तर बार-बार बढऩे लगता है। बुधवार को फिर पिछले चौबीस घंटे मे दोनों नदियों में के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई। सबसे तेज यमुना के बढऩे की रफ्तार रही। यहां चौबीस घंटे में आधा मीटर से अधिक उफान देखा गया। इससे कछार में रहने वालों के कान फिर से खड़े हो गए। अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से यह हालात बने हुए हैं।

दिल्ली का पानी भी पहुंच रहा

इतना ही नही, यमुना में दिल्ली में हो रही बारिश का पानी भी तेजी से पहुं चरहा है। इसके अलावा मप्र में हो रही बारिश का पानी बेतवा और चंबल नदियों के जरिए यमुना में जा रहा है। यही कारण रहा कि पिछले चौबीस घंटे में यमुना में 61 सेमी की बढ़ोतरी नजर आई है। जबकि पहाड़ों क बारिश के चलते गंगा में 24 सेमी की बढ़त देखी गई है। हालांकि बीच बीस नैनी एरिया में 24 घंटे के भीतर 22 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

सितंबर-अक्टूबर में होता है खतरा

पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो प्रयागराज में बाढ़ का खतरा सितंबर और अक्टूबर के महीने में होता है। इस दौरान पश्चिम में होने वाली बारिश के पानी की वजह से उप्र के गंगा के कछार वाले मैदानी इलाकों में बाढ आती है। फिलहाल इस साल अभी तक ऐसी कोई संभावना बनती नही दिख रही है। फिर भी इस साल यह चौथी बार है जब नदियों में उफान देखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से जल पुलिस को मौके पर एलर्ट रहने को कहा गया है। बता दें कि बुधवार रात में भी चार घंटे के भीतर यमुना में 21 सेमी की बढ़ोतरी रही। एक्सपट्र्स के मुताबिक यह स्थिति अभी कुछ दिन तक बनी रह सकती है।