प्रयागराज ब्यूरो । ज्योति मौर्या पति से तलाक के लिए कोर्ट में दायर कर चुके हैं केस
न तो मेरे ऊपर कोई दबाव है और न ही मैने होश खोया है। पूरे होशो हवास में यह कदम उठा रहा हूं। मुझे इस केस में अब कदम आगे नहीं बढ़ाना है। मैं अपनी शिकायत वापस ले रहा हूं। इस तरह की बयान हलफी के साथ एक अर्जी सोमवार को प्रतापगढ़ में तैनात आलोक मौर्या ने जांच कमेटी के सामने दी। पूरी तरह से यू टर्न लेते हुए उन्होंने जांच को रोक देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही प्रदेश भर में चर्चा पाने वाला यह केस नए मुकाम पर पहुंच गया है। इस अर्जी को रिकॉर्ड पर लेकर प्रकरण की जांच कर रही कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगी। इसके बाद रिपोर्ट की कापी शासन को भेज दी जाएगी। माना जा रहा है कि पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला यहीं विराम ले लेगा।

प्रयाग के हैं आलोक, प्रतापगढ़ में तैनाती
मूलरूप से राजरूपपुर के रहने वाले आलोक मौर्या प्रतापगढ़ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात हैं। उनकी शादी 2010 में वाराणसी की ज्योति से हुई थी। शादी के समय तक वह तैयारी कर रही थीं। शादी के बाद ज्योति ने बीएड किया और टीचर के लिए सेलेक्ट हो गयीं। इसके बाद भी उन्होंने यूपीपीएससी की परीक्षा में शामिल होना बंद नहीं किया। मेहनत के दम पर उन्होंने पहले आरओ-एआरओ परीक्षा क्रैक की और समीक्षा अधिकारी बन गयीं। इस लगन और मेहनत का नतीजा रहा कि बाद में उन्होंने पीसीएस परीक्षा भी क्रैक कर ली। वर्तमान समय में उनकी तैनाती बरेली में हैं। ज्योति की बरेली में पोस्टिंग के बाद पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गयी। यह विवाद उस समय चर्चा में आया ज्योति ने पति के खिलाफ धूमनगंज थाने में दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज करा दिया।
पति ने लगा दिया भ्रष्टाचार का आरोप
पत्नी ने दहेज उत्पीडऩ का मामला दर्ज कराया तो पति भला क्यों पीछे रहता, उसने शासन में शिकायत की और ज्योति मौर्या पर कौशांबी जिले में एसडीएम के पद पर पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा दिया। शासन स्तर पर नियोजन विभाग ने कमिश्नर विजय विश्वास पंत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। शासन का पत्र मिलने पर कमिश्नर ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय और मेटी गठित कर दी।

शिकायत पर कब क्या हुआ
कमेटी ने नोटिस भेजा तो आठ अगस्त को दोनों कमेटी के सामने पेश हुए और अपना पक्ष रखा।
नौ अगस्त को आलोक को दोबारा बुलवाया गया। आलोक से कमेटी ने आरोपों के संबंध में साक्ष्य मांगे
आलोक ने साक्ष्य सब्मिट करने के लिए 20 दिन का समय मांगा था।
तब कमेटी ने 28 अगस्त की तारीख तय कर दी थी।
सोमवार को ठीक तीन बजे आलोक अपर आयुक्त प्रशासन के कार्यालय में कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए।
आलोक से कमेटी कुछ पूछताछ करती, इससे पहले ही उन्होंने शिकायत वापस लेने का आवेदन पत्र कमेटी के अध्यक्ष को सौंप दिया।

ज्योति मौर्य के खिलाफ शिकायत को उनके पति आलोक ने वापस ले लिया है। यह उन्होंने लिखकर दिया है। प्रकरण की रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।
अमृतलाल बिंद
अपर आयुक्त प्रशासन