प्रयागराज ब्यूरो । : सिटी के सबसे व्यस्त मार्केट चौक में शॉपिंग करना मुश्किलों से भरा है। त्योहारी सीजन में जाम की समस्या जबरदस्त हो रही है। मार्केट में अधिक भीड़ के चलते लोगों का दम घुटने लगा है। गाडिय़ों से निकलता धुआं और गाडिय़ों की आवाज से इस मार्केट में पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। संडे के दिन भी मार्केट की हालत काफी खराब थी। मार्केट में गाडिय़ां निकले घुसे लोगों की गाडिय़ां सरकती रहीं, जिससे पैदल आने-जाने वालों को भी परेशानी हुई। कई बार यहां आपस में ही विवाद की स्थिति हुई, जिसे स्थानीय दुकानदारों ने समझा बुझाकर शांत कराया। इस मार्केट से जुड़ी गालियों में एक जैसा ही हाल था। घंटाघर, लोकनाथ, रानीमंडी, जीरो रोड, बतासा मंडी, खोवा मंडी, मोहम्मद अली पार्क रोड सभी गलियों में गाडिय़ों की लंबी लाइन लगी रही।

पर्व पर उमड़ी भीड़
त्योहार के दिनों में मार्केट में खरीदारों की संख्या बढ़ गई है। हाल ही में नगर में ट्रैफिक जाम की समस्या अत्यंत विकराल होती जा रही है। मार्केट में दुकानदार हो या पब्लिक सबको किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ रहा है। बाजार में आखिर लोगों को क्या-क्या दिक्कतें आती हैं इसे समझने के लिए दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने 'बाजार की समस्याÓ कैंपेन की शुरुआत की है। इसमें दुकानदारों से लेकर पब्लिक ने खुलकर समस्याओं को गिनाया। यहां मार्केट करने वालों के सामने दो चीजों का सबसे बड़ा समस्या देखने को मिली। पहला कस्टमर दो पहिया हो या फिर चार पहिया तक लेकर भीड़ में घुस जा रहे है। इनको रोकने-टोकने वाला तक कोई नहीं था। इसके साथ ही दुकान से ज्यादा सड़कों पर ठेलों की दुकान नजर आई। सड़क पर चलने तक की जगह नहीं थी। जो थोड़ा बहुत थी भी तो दो पहिया व चार पहिया गाडिय़ां के मूवमेंट के चलते गायब था। इस मार्केट में टॉयलेट जाने के लिए लोगों को मोहम्मद अली पार्क तक जाना पड़ता है। पुरुष दाएं-बाएं ही निपटा ले रहे थे। लेकिन महिलाओं के सामने सबसे बड़ा चैलेंज बना हुआ था। यह बात खुलकर नीता शर्मा नाम की महिला ने कही जो मार्केट में टॉयलेट ढूंढ रही थी।
वर्जन
इस मार्केट की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग है। जो भी कस्टमर सामान खरीदने आता है। वह दुकान के सामने ही गाड़ी खड़ा करना चाहते है। मना करने पर गाड़ी कहां लगाए यह तक पूछते है। कई बार तो एडजस्ट किया जाता है।
अंकित टंडन - दुकानदार

दुकान के सामने ठेले वाले तक दुकान लगा लेते है। उनका भी घर व्यापार है। इसको भी ध्यान में रखना पड़ता है। जो बची जगह होती है वहां चार पहिया व दो पहिया वाले लेकर चले आते है। कुछ लोग तो सड़क पर ही गाड़ी खड़ा करते है।
मोहम्मद अकरम - दुकानदार

दुकान का साइज इतना बड़ा नहीं होता है कि उसमें टॉयलेट बनवा लिया जाये। कई बार महिला कस्टमर टॉयलेट जाने के लिए पूछती है तो शर्म से बोलना पड़ता है। आपको थोड़ा सार्वजनिक शौचालय जाना पड़ेगा।
- कादिर - दुकानदार

इस भीड़-भाड़ वाले इलाके में बड़ी गाडिय़ों को प्रतिबंध कर देना चाहिए। ताकि मार्केट पैदल ही किया जा सके। इसमें सबसे अहम रोल नगर-निगम व ट्रैफिक डिपार्टमेंट को निभाना होगा। ताकि इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। एक को देखकर दूसरे भी वाहन लेकर चले आते है।
सौरभ मिश्रा,अधिवक्ता