प्रयागराज ब्यूरो । नैनी काटन मिल के सामने फुटपाथ दुकानदारों के लिए बनाई गईं लोहे की दुकानें हो रहीं कबाड़
ठेला खोंचा वालों फुटपाथ व सड़क से हटाने के लिए 2018 में हुआ था इस वेडिंग जोन का लोकार्पण
अलाटमेंट के बावजूद इन दुकानों में एक भी वेंडर को चार साल बाद भी शिफ्ट नहीं कर सका नगर निगम
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: नगर निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही से शहर में सरकारी पैसा के साथ स्ट्रीट वेंडरों के लिए संचालित योजना बर्बाद हो रही है। नैनी स्थित काटन मिल के पास नगर निगम हाईवे किनारे का एरिया वेंडिंग जोन घोषित किया था। यहां पर लोहे की चादर व टीन शेड लगाकर आठ कम कुल सौ दुकानों का निर्माण कराया गया। यह निर्माण तत्कालीन महापौर रहीं अभिलाषा गुप्ता नंदी के कार्यकाल में हुआ था। तैयार दुकानों का अलाटमेंट होता इसके पहले कोरोना का कहर टूटने लगा। कोरोना की वजह से स्ट्रीट वेंडरों के नाम दुकानें अलॉट नहीं हो सकी थीं। करीब पांच छह महीने पूर्व दुकानों के लिए पटरी व रोड पर दुकान लगाने वालों से आवेदन मांगे गए। आवेदन करने वालों के नाम नगर निगम द्वारा लाटी निकाली गई। अलाटमेंट होने के बावजूद स्ट्रीट वेंडर नगर निगम की इन दुकानों में व्यापार करना मुनासिब नहीं समझ रहे। इसके पीछे दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में सोमवार को पांच बड़ी समस्याएं सामने आईं। स्ट्रीट वेंडरों द्वारा बताई गई इन समस्याओं का निस्तारण आज तक नगर निगम नहीं करा सका। परिणाम यह हुआ कि लाखों रुपये की लागत से बनाई गई दुकानों के टीन शेड सडऩे लगे हैं।
अफसरों को फुर्सत नहीं, वेंडर बेफिक्र
कुंभ के पूर्व 2018 से ही शहर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया था। योजना के तहत शहर को सुंदर व स्वच्छ बनाने के साथ सड़कें व फुटपाथ स्ट्रीट वेंडरों से खाली कराने की स्कीम तैयार की गई। उस वक्त तत्कालीन महापौर रहीं अभिलाषा गुप्ता के नेतृत्व में नगर निगम द्वारा वेंडिंग जोन की रूपरेखा तैयार की गई। प्लान के तहत जगह तलाशने का काम शुरू हुआ। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा नैनी काटन मिल के सामने रोड किनारे पड़ी जगह को चिन्हित किया गया। चिन्हित इस प्लेस पर वेंडिंग जोन डेवलप करने का काम शुरू हुआ।
दो बाई दो की दुकानों का हुआ निर्माण
बताते हैं कि लाखों रुपये की लागत से यहां कुल 92 दो बाई दो की दुकानों निर्माण कार्य शुरू हुआ। नगर निगम के खजाने से सरकारी पैसा लगाकर तूफानी गति से इन दुकानों का निर्माण करा दिया गया। दुकानें तो बना दी गईं मगर उसमें शटर नहीं लगाया गया। जिन वेंडरों के नाम दुकानें अलाट हुईं, उन्हें इसमें शटर नहीं लगाने की हिदायत दी गई। कहा गया कि रोड सामान लाकर दुकान लगाएं और रात में सारा कुछ समेट कर घर ले जाएं। रोड मटेरियल लोकर दुकान लगाने व फिर ले जाने प्रक्रिया वेंडरों को बड़ी समस्या समझ आने लगी। लिहाजा आज फुटपाथ व सड़क पर जो जहां ठेला लगाकर दुकान चला रहा वह वहीं पर काबिज हैं। ठेले की यह दुकान अच्छी खासी पूराने स्थान पर चल रही है, लिहाजा वेडिंग जोन में यानी नए जागह जाने पर दुकानदार में ग्राहकों के टूटने का भी डर सता रही है। लकी ड्रा के द्वारा दुकान अलाट करने के बाद इन वेंडरों को वेंडिंग जोन में स्थापित कराना नगर निगम भी मुनासिब नहीं समझ रहा। अफसरों की यह उपेक्षा वेंडरों के हौसलों को बढ़ा रही है। लिहाजा यहां वेंडिंग जोन की सारी योजना बर्बादी के मुहाने पर पहुंच चुकी है।
समस्या जिससे नहीं शिफ्ट हो रहे वेंडर
नैनी काटल मिल के पास वेंडिंग जोन में बनाई गई दुकानों में फुटपाथ दुकानदारों के नहीं शिफ्ट होने के पीछे पांच तरह की बड़ी वजह सामने आई है।
आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन के पदाधिकारियों व वेंडरों की मानें तो वेंडिंग जोन में दुकान के साथ कई अन्य सुविधाएं भी की जानी थीं।
इन सुविधाओं में सबसे पहले दुकानों में लाइट कनेक्शन, पेयजल व नाली एवं पानी निकासी के साथ सफाई और पार्किंग प्लेस को भी निर्धारित किया जाना था
बताते हैं कि इन पांच छह सुविधाओं में अब तक एक भी सुविधा नगर निगम यहां वेंडिंग जोन में नहीं दे सका है। पार्किंग के लिए थोड़ी जगह मंदिर के पास नैनी साइड थी।
उस स्थान को भी वेंडिंग जोन घोषित करके इन दिनों दुकान बनाने का काम चल रहा है, मतलब यह कि 92 दुकानों में नगर निगम वेंडरों को स्थापित नहीं कर सका।
फिर भी बगल में करीब सौ के ऊपर दुकानों के निर्माण का प्रगति पर है, इस पर गौर करें तो स्ट्रीट वेडिंग जोन के नाम पर एक बार फिर धन की बर्बादी का खेल चल रहा है।
हम चाय व नाश्ते की दुकान लगाते हैं। हमारे नाम भी 92 में एक दुकान अलॉट है। मगर न तो शटर है और न हीं सफाई व पानी की सुविधा। बगैर पानी व सफाई और लाइट के वेडिंग जोन की दुकान में व्यापार कैसे कर सकते हैं। इसलिए फुटपाथ पर जहां दुकान लगा रहे थे। वहीं आज भी लगा रहे हैं।
गोरे लाल, नैनी
सिर्फ दो-बाई-दो की बगैर शटर दुकान बना देने से वेंडिंग जोन नहीं हो जाता। उसके लिए अन्य तमाम सुविधाएं भी करनी होती हैं। नगर निगम के अधिकारी फुटपाथ के दुकानदारों के नाम दुकान अलॉट कर दिए। मगर दुकानदार बगैर सुविधा के वहां व्यापार कैसे करेगा। नई जगह पर बगैर पार्किंग ग्राहक भी तो नहीं आएंगे।
हंशराज, नैनी सब्जी मण्डी
भाई, योजनाएं तो सरकार व विभाग हजारों बनाते व चलाते रहते हैं। मगर उसका पब्लिक को कितना लाभ मिलता है यह वेडिंग जोन एक जीवंत उदाहरण है। जब दुकान बना दिए और अलाट भी की गई हैं, तो वेंडर इसमें दुकान शिफ्ट क्यों नहीं कर? यह बात नगर निगम के अधिकारियों ने कभी नहीं सोचा। पैसा निकाल कर कोरम पूरा कर दिए बस।
रौनक, नैनी
हम पंद्रह साल से मंदिर के पास यहीं दुकान लगा रहे हैं। दुकान के लिए हमने के भी आवेदन किया था। मगर, हमारे नाम दुकान अलॉट नहीं की गई। जबकि अलाटमेंट से पूर्व हुए सर्वे में हमारा नाम नोट करके नगर निगम के अधिकारी खुद ले गए थे। फिर भी हमारे नाम दुकान अलाट नहीं हुई। अच्छा ही हुआ, नहीं तो जो कंडीशन है उसमें हम दुकान कैसे लगाते।
पार्वती देवी, नैनी काटम मिल
नैनी में बनाए गए वेडिंग जोन बिजली, पानी पार्किंग, सफाई आदि का घोर अभाव है। दुकानों में शटर तक नहीं है। ऐसे में कोई पथ विक्रेता इसमें दुकान कैसे खोल सकता है। नगर निगम व्यवस्था दे वेंडरों को उन दुकानों में सिफ्ट कराया जाएगा।
रविशंकर द्विवेदी, सदस्य टाउन वेंडिंग कमेटी व आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन प्रदेश महामंत्री