प्रयागराज (ब्यूरो)।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से डेंगू पर लगाम लगाने की कोशिश में है लेकिन सफलता नही मिल रही है। रोजाना डेंगू से मौत हो रही है। वहीं रविवार को 34 नए मरीजों ने दस्तक दी है। यह एक दिन पहले मिले सर्वाधिक मरीजों से एक कम है। जिले में अब तक डेंगू के 463 केस सामने आ चुके हैं और जल्द ही यह आंकड़ा पांच सौ को पार कर जाएगा। दूसरी ओर से अस्पतालों में बेड नही मिल रहा है। रविवार को सरकारी अस्पतालों के सभी बेड फुल थे और प्राइवेट अस्पताल में भी यही हालत हो गई थी। धूमनगंज के रहने वाले प्रत्यूष कुमार की प्लेटलेट काउंट महज दस हजार हो गई थी और उनको प्राइवेट अस्पताल में बेड नही मिल रहा था। किसी तरह से उनको सिविल लाइसं के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया। इसके बाद परिजनों को प्लेटलेट के लिए ब्लड बैंक के चक्कर काटने पड़े। उनकी मांग बेली अस्पताल के ब्लड बैंक में पूरी हो सकी।
झोलाछाप बिगाड़ रहे केस
शासन की लाख सख्ती के बावजूद शहर में झोलाछाप डॉक्टर फल फूल रहे हैं। वह मरीजों का मनमाना इलाज कर रहे हैं और केस खराब हो जाने पर उसे रेफर कर देते हैं। ऐसी हालत में मरीज को बचाना मुश्किल हो रहा है। गाइड लाइन में साफ कहा गया है कि बिना जांच बुखार के मरीज को पेन किलर और एंटी बायटिक नही दी जाएगी। फिर भी झोलाछाप नही मान रहे हैं। ऐसे में मरीज का प्लेटलेट काउंट अचानक कम हो जाता है और उसे बचाना मुश्किल होता है।
इन एरिया में फैला है डेंगू
शहर के अलावा डेंगू ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैला है। गंगापार और यमुनापार के कछारी इलाकों में लोग बुखार से पीडि़त हैं। नगर क्षेत्र में गोङ्क्षवदपुर की चिल्ला मलिन बस्ती, शिवकुटी मेला रोड, कैलाशपुरी, गोङ्क्षवदपुर क्षेत्र, तेलियरगंज, बेली गांव, राजापुर , गंगानगर, मऊ सरैया, अशोक नगर और धूमनगंज क्षेत्र में डेंगू का प्रभाव तेज है। डीएमओ आनंद सिंह ने बताया कि लोगों को जागरुक किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द केसेज कम होने लगेंगे।