प्रयागराज (ब्‍यूराे)उसके यहां छापेमारी हो चुकी है। तमाम प्रापर्टी के दस्तावेजों की जांच हो चुकी है। उसका नाम जिंदा रहते हुए अतीक ने भी लिया था। वही मो। मुस्लिम अब नये रूप में सामने आ रहा है। अतीक का ह्वाट्सएप पर भेजा गया मैसेज वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ा तो उसकी तहरीर पर अतीक के जेल में बंद दोनों बेटों अमर और अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। इसे लेकर अलग तरह की चर्चा शुरू हो गयी है। चर्चा तो यहां तक पहुंच गयी है कि वह पुलिस के लिए गवाह बन सकता है।

अतीक से पीडि़त रहा है मो। मुस्लिम
अब लखनऊ में प्रापर्टी डीलिंग का बिजनेस कर रहा मो। मुस्लिम मूल रूप से प्रयागराज के चकिया का रहने वाला है। उसके खिलाफ प्रयागराज से लखनऊ तक कुल मिलाकर 16 मुकदमे दर्ज हैं। गैंगेस्टर का मुकदमा भी कायम हो चुका है और मनी लांड्रिंग के आरोप भी लग चुके हैं। अतीक अशरफ की हत्या के कुछ दिनों बाद एक ह्वाट्सएप मैसेज वायरल हुआ था। मैसेज सेंड करने वाले की आईडी में एमपी लिखा था और लास्ट में अतीक अहमद और साबरमती जेल का जिक्र किया गया था। इस मैसेज के वायरल होने से पहले ईडी और जीएसटी की टीमों ने कई बिल्डर्स के यहां छापेमारी की थी। इसमें मो। मुस्लिम का भी नाम था। इसी से अनुमान लगाया जा रहा था कि अतीक के गुनाहों में वह भी भागीदार है। अतीक के लेटर में भी इस तरह का संकेत छिपा था। इसी के आधार पर पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए उठाया था। सूत्र बताते हैं कि उसे गुरुवार को पुलिस ने छोड़ दिया है। संयोग से इसी दिन खुल्दाबाद थाने में उसकी तहरीर पर अतीक के बेटे उमर और दूसरे नंबर के बेटे अली समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

मुस्लिम पर भी हैं गुंडा टैक्स मांगने के आरोप
अतीक के दो बेटों समेत चार के खिलाफ एफआइआर कराने वाले मो। मुस्लिम के खिलाफ भी प्रयागराज और लखनऊ के विभिन्न थानों में 16 मुकदमे दर्ज हैं। वह खुल्दाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है। मुकदमो के अनुसार वह भी जबरन जमीन हड़पने, रंगदारी मांगने का आरोपित है। अतीक के नाम से जो लेटर वायरल हुआ था उसमें यह जिक्र भी था कि मेरे नाम (अतीक) का इस्तेमाल करके मुस्लिम समेत बहुत से लोगों ने कमाया है। इसमें चुनाव को ध्यान में रखते हुए पैसा लौटाने की बात कही गयी थी। जो बातें लेटर में थीं उसी से मिलती जुलती बातें मो। मुस्लिम की तहरीर में भी हैं। इसके बाद उसे छोड़ दिया जाना चौंकाने वाला है। इसी यह इस अफवाह को हवा मिल गयी है कि वह पुलिस गवाह बन सकता है।
उमेश पाल ने भी दर्ज करायी थी मुस्लिम के खिलाफ रिपोर्ट
उमेश पाल ने भी 24 अगस्त 2022 को धूमनगंज थाने में माफिया अतीक के गुर्गे खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा, अबुसाद के खिलाफ एक करोड़ की रंगदारी मांगने और धमकी देने के आरोप में रिपोर्ट लिखवाई थी। अब तक जो तथ्य सामने आये हैं उसके मुताबिक खुल्दाबाद थाने में हुई एफआइआर में मो। मुस्लिम ने लखनऊ भागने का जिक्र किया है, जबकि वर्ष 2007 के बाद उसके विरुद्ध विभिन्न थाने में 12 मुकदमे लिखे गए।

संपत्ति बचाने की कोशिश तो नहीं
अतीक और उसके गैंग के लिए काम करने वाले मो। मुस्लिम की तरफ से उमर, अली सहित अन्य के खिलाफ लिखाई गई रिपोर्ट लोगों के गले से नहीं उतर रही है। कहा जा रहा है कि अतीक, अशरफ की हत्या के बाद मो। मुस्लिम अपनी अरबों रुपये की प्रापर्टी को बचाने का जतन कर रहा है। उसका प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिसमें करोड़ों रुपये लगा है। साथ ही प्रयाराज में तमाम जमीन है, पुलिस व पीडीए की कार्रवाई के डर से बचाना चाहता है। इसी के चलते उसने एफआइआर कराई है। इसमें खुद को अतीक का विरोधी बताने वाले आइएस-227 के सदस्यों का भी हाथ बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस विभाग से लेकर दूसरे लोगों के बीच कई तरह की चर्चा भी चल रही है।

बुधवार की रात लिखा गया मुकदमा
बता दें कि बुधवार की रात खुल्दाबाद थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें कुल छह लोगों का जिक्र है। सबसे ऊपर अतीक के बड़े बेटे उमर और दूसरे नंबर पर उसके सगे छोटे भाई अली का नाम है। बिल्डर मो। मुस्लिम की तहरीर पर खुल्दाबाद पुलिस ने रंगदारी मांगने, अपहरण कर प्रताडि़त करने की धाराएं लगाई हैं। उमर, अली के अलावा इसमें जेल भेजे जा चुके असाद कालिया, एहतेशाम करीम, अजय व मो। नसरत का भी नाम है। नई चकिया खुल्दाबाद निवासी मो। मुस्लिम का आरोप है कि वर्ष 2006 से उसने प्लाटिंग और कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया। तभी से अतीक, अशरफ और उनके गुर्गे धमकी देते हुए रंगदारी मांगते थे। इससे परेशान होकर वह लखनऊ चला गया। यह भी आरोप है कि करीब 15 करोड़ रुपये की जमीन देवघाट झलवा में है, जिसे अली व उमर के नाम करने का दबाव बनाया जा रहा था। संभावना जताई जा रही है पुलिस जल्द ही इस प्रकरण में अतीक के दोनो बेटों से पूछताछ कर सकती है।