प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लालच बुरी बला है। ये बात न जाने कब से कही जा रही है। मगर शायद ही इसका कोई असर होता हो। खासतौर से सरकारी कर्मचारियों पर इसका कोई असर होता नहीं दिखता है। जिसका नतीजा है कि सरकारी कर्मचारियों का पेट तनख्वाह से नहीं भरता है। जब तक की ऊपरी कमाई न हो जाए। भले ही ऊपरी कमाई के चक्कर में सरकारी नौकरी पर बन आए। हाल फिलहाल, ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं, जिनमें पांच दस हजार की घूस के लिए सरकारी कर्मचारी अपनी पद प्रतिष्ठा भूल गए। और जब एंटी करप्शन या विजिलेंस के हत्थे चढ़े तो फिर नौकरी दांव पर लग गई अलग से। मगर इसके बाद भी घूस लेने का सिलसिला थम नहीं रहा है।

केस एक
कलेक्ट्रेट कर्मचारी गिरफ्तार
मेजा के उदय सिंह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी हैं। उदय सिंह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी चलाते हैं। उदय सिंह ने एक करोड़ छब्बीस हजार रुपये का हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था। सारी रिपोर्ट लगकर फाइल कलेक्ट्रेट पहुंच गई। इसकी जानकारी होने पर उदय सिंह कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर उदय सिंह की मुलाकात कलेक्ट्रेट कर्मचारी गिरीश कुमार से हुई। उदय सिंह से गिरीश कुमार ने दस लाख रुपये पर एक हजार रुपये फीस मांगी। उदय ने जब रसीद मांगी तो कर्मचारी ने काम लटका देने की धमक दी। उदय ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन से की। पंद्रह फरवरी को दोपहर में उदय सिंह ने गिरीश कुमार से कलेक्ट्रेट में मुलाकात की। जैसे ही उदय सिंह ने गिरीश को बारह हजार रुपये दिया, एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दबोचा।

केस दो
डीसीएफ के बाबू ने मांगा 20 हजार
फूलपुर के एतमादपुर के रहने वाले आलोक कुमार की उवर्रक की दुकान है। दुकान के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आलोक जिला सहकारी फेडरेशन के बाबू कृष्ण चंद्र त्रिपाठी से मिले। बाबू कृष्ण चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बीस हजार रुपये दे दीजिए तो नवीनीकरण हो जाएगा। यदि पैसा नहीं दोगे तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसकी शिकायत आलोक कुमार ने विजिलेंस आफिस में की। जांच में आरोप सही पाया गया। 7 नवंबर को विजिलेंस टीम डीसीएफ आफिस पहुंच गई। आलोक कुमार ने बाबू कृष्ण चंद्र त्रिपाठी को जैसे ही बीस हजार रुपये दिया, विजिलेंस की टीम ने बाबू को पकड़ लिया। बाबू के पकड़े जाने के बाद आफिस में अफरातफरी मच गई। अन्य कर्मचारियों ने विरोध किया मगर विजिलेंस टीम के आगे किसी की नहीं चली।

केस तीन
सह परिवीक्षा अधिकारी ने मांगा पांच हजार
झूंसी कटका के रहने वाले शिवम श्रीवास्तव का घरेलू हिंसा से संबंधित एक केस कोर्ट में चल रहा था। जिसमें बयान देने के लिए शिवम को नोटिस जारी किया गया। शिवम ने बयान संबंधी शपथ पत्र दिया, मगर उसे उसकी रिसीविंग नहीं मिली। इसके लिए जब शिवम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में सह परिवीक्षा अधिकारी विवेक द्विवेदी से मुलाकात की तो विवेक द्विवेदी ने रिसीविंग देने के लिए पांच हजार रुपये शिवम से मांगा। कहा कि पांच हजार रुपये दोगे तो रिसीविंग दे देंगे और तुम्हारे पक्ष में रिपोर्ट लगाकर आख्या न्यायालय में भेज देंगे। इस पर शिवम ने विजिलेंस आफिस में शिकायत की। आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया। विवेक द्विवेदी ने जैसे ही पांच हजार रुपये लिया, विजिलेंस टीम ने उसे पकड़ लिया।

केस चार
राजस्व निरीक्षक ने मांगा छह हजार
होलागढ़ थाना क्षेत्र के राजापुर चौबारा गांव के अचल कुमार का जमीन संबंधी एक मामला एसडीएम कोर्ट में था। अचल कुमार के पक्ष में कोर्ट से फैसला हो गया। जिस पर अचल ने अपनी जमीन की पैमाइश के लिए राजस्व निरीक्षक राजेंद्र शर्मा से सम्पर्क किया। कई दिन टहलाने के बाद राजस्व निरीक्षक ने अचल से छह हजार रुपये मांगा। इसके बाद पैमाइश की बात कही। इस पर अचल कुमार ने पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन आफिस में शिकायत कर दी। शिकायत की जांच हुई। आरोप सही पाया गया। जिस पर एंटी करप्शन टीम ने अचल को राजस्व निरीक्षक को छह हजार रुपये देने के लिए कहा। 25 जून को होलागढ़ बाजार में एक मिठाई की दुकान पर अचल ने राजस्व निरीक्षक से मुलाकात की। इसके बाद राजस्व निरीक्षक को छह हजार रुपये दिया। जैसे ही राजस्व निरीक्षक ने छह हजार रुपये लिया, एंटी करप्शन टीम ने उसे हिरासत में ले लिया।

करें बेहिचक शिकायत
यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी काम के लिए घूंस मांग रहा है तो इसकी शिकायत विजिलेंस आफिस में की जा सकती है। विजिलेंस आफिस पुलिस कमिश्नर कार्यालय में है। विजिलेंस को हेल्प लाइन नंबर 9454404859 पर शिकायत की जा सकती है।