प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है। साथ ही जाम से निपटने के लिए कोई ठोस प्लान भी तैयार नहीं है। जाम के चलते लोगों को हो रही परेशानी को लेकर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने 'शहर में मुश्किल सफरÓ नाम से खास कैंपेन की शुरुआत की है। इस कैंपेन के दूसरे दिन पब्लिक की डिमांड पर मेडिकल चौराहा से बैरहना पेट्रोल पंप तक रियलिटी चेक किया गया। इन मार्गों पर वाहन से ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ती मिली। जो जाम व देर से पहुंचने का मुख्य कारण बन रही है। हार्न बजाने पर भी हटने का नाम नहीं ले रहे है। आइये आपको बताते है आखिर लोगों को इन मार्गों पर क्या फेसिंग करना पड़ रहा है
कार से पहुंचने में लगा 32 मिनट
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने मेडिकल चौराहा से बैरहना पेट्रोल पंप तक का सफर तय किया। यह सफर कार व बाइक के साथ तय किया गया। आखिर कार से इन मार्गों पर चलने के लिए कौन सा वाहन सूटेबल है। इस दौरान देखा गया लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में कार से 32 मिनट लग गया। वहीं बाइक से पंद्रह मिनट कम ही लगा। सबसे बड़ी समस्या यह निकल कर सामने आई कि ई-रिक्शा चालक आड़े-तिरछा करके कहीं भी घुसा दे रहे थे। इनको रोकने व टोकने वाला तक कोई नहीं है। जबकि कुछ जगहों पर ट्रैफिक के जवान खड़े मिले। वह भी सिर्फ बाहर की नंबर वाली गाडिय़ों को देखकर रोक रहे थे। सीएमपी डिग्री कॉलेज के आगे बढऩे पर डॉट पुल के पास दोपहर करीब तीन बजे जाम मिला। आधा किलोमीटर आगे बढऩे पर सब्जी मार्केट की भीड़ मिली। यहां सब्जी विक्रेताओं ने आधी सड़क पर कब्जा कर रखा था। सिर्फ एक बार में एक ही गाड़ी जाने का रास्ता था। उसी में बाइक वाले भी जबरदस्ती घुस आगे निकलने का प्रयास कर रहे थे। किसी तरफ से 32 मिनट में कार से और 17 मिनट में बाइक से सफर को तय किया गया।
ग्रीन सिग्नल की टाइमिंग शार्ट
रियलिटी चेक के दौरान पाया गया कि मेडिकल चौराहा पर लगे ग्रीन सिग्नल होने की टाइमिंग बड़ी कम है। जब तक ग्रीन होती और वाहनों की संख्या आगे बढ़ती वैसे ही लाल सिग्नल हो जाता है। कम से कम दो बार सिग्नल ग्रीन होकर रेड हो गया। तब जाकर कार से मेडिकल चौराहा क्रास किया गया। इस रूट से रोजाना गुजरने वाले लोग बताते है कि इसकी टाइमिंग कम से कम एक मिनट से ऊपर होना चाहिए। क्योंकि यह रूट काफी व्यस्त है। इस रूट पर एसआरएन अस्पताल है और नैनी ब्रिज व पुराने ब्रिज से होकर शहर तरफ आने व जाने वालों की बड़ी संख्या है।
जाम व व्यस्त रूट वाले मार्गों का नाम आया सामने
इस कैंपेन के पहले दिन जुड़कर सैंकड़ों ने लोगों ने जाम व व्यस्त रूट वाले मार्गों का नाम शेयर किया। जहां अक्सर जाम व स्लो ट्रैफिक के चलते लोग परेशान रहते है।
प्रियांशु शुक्ला ने बताया कि तेलियरगंज टेंपों स्टैंड वाली रूट पर सुबह 10 से 12 के बीच भीषण जाम रहता है।
मनीष शुक्ला ने बताया कि शिवकुटी थाने से गुजरने वाली रोड पर भी शाम सात बजे भीड़ रहती है।
सोनू कुरैशी ने बताया कि सुलेम सराय की स्थिति अमितदीप व वी-मार्ट मॉल के चलते पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।
अमन बताते है कि बहादुरगंज वाली रोड पर दिन हो या शाम अक्सर भीड़ रहती है। रात के समय सिर्फ आराम रहता है। जो दूरी आप रात में तीन मिनट में तय कर सकते है। उसको दिन में तय करने में बीस मिनट लग जाता है।
पब्लिक द्वारा मैसेज कर गऊघाट, रामबाग, आलोपीबाग, झूंसी, स्टेशन रोड समेत तमाम जगहों पर लगने वाले जाम व ट्रैफिक व्यवस्था का हाल शेयर किया गया।
सुझाव प्वाइंट
प्रतीक और प्रियंक पांडेय बताते है कि पुराने शहर तरफ रहने वाले लोग जाम से बचने के लिए सिविल लाइंस स्थित मल्टी-पार्किंग में अपनी फोर व्हीलर को खड़ी करते है। ज्यादातर कामों को टू व्हीलर से ही करते है। अगर कोई इस ओर से फोर व्हीलर से आने व जाने वाला हो तो वह मल्टी-पार्किंग का इस्तेमाल करें। यहां मंथली पास भी बनता है। जाम से छुटकारा पाना का यह भी विकल्प है।