प्रयागराज ब्यूरो । डीसीपी नगर संतोष मीना ने मंगलवार को बताया कि चारबाग डिपो की बस रविवार दोपहर लखनऊ से सिविल लाइंस बस अड्डा पहुंची थी। उसकी कंडक्टर कानपुर में सजेती निवासी रंजना ने अपने अधिकारियों और सिविल लाइंस थाने में लिखित सूचना दी कि वह बस में अकेले बैठी थी तभी उसे चाकू दिखाकर बैग लूटने के बाद लुटेरे बाइक पर भाग गए। बैग में 35 सौ रुपये, टिकट काटने वाली मशीन, मोबाइल फोन समेत कुछ अन्य कागजात थे। डीसीपी नगर संतोष मीना के अनुसार, पुलिस ने जांच शुरू की तो घटना की पुष्टि नहीं हो पा रही थी। न तो सीसीटीवी फुटेज में लुटेरे बाइक पर भागते दिखे और न पूछताछ में किसी ने ऐसी घटना के बारे में बताया। पुलिस ने कंडक्टर के मोबाइल की काल डिटेल निकाली तो पता चला कि वह घटना से पहले और बाद में अपनी मां और भाई से बात करती रही है। पुुलिस ने उन दोनों से भी बात कर जांच बढ़ाई तो पता चला कि लूट नहीं हुुई बल्कि बैग कहीं छूट गया था। फिर पुलिस ने बस चालक रामकिशोर यादव और रंजना से पूछताछ की। रंजना ने स्वीकारा कि उस दिन से बस से उतरने के बाद वह बस चालक और कानपुर से आई मां व भाई के साथ संगम स्नान के लिए गई थी। वापसी में बैरहना तिकोनिया पर चाय पीते वक्त उसका बैग छूट गया था। उसने ढूंढने का बहुत प्रयास किया। लेकिन बैग नहीं मिला। बैग में टिकट मशीन समेत जरूरी कागजात थे इसलिए विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए लूट की कहानी गढ़ ली।

182 के तहत होगी कार्रवाई
पुलिस ने बैरहना से उसका पर्स बरामद कर लिया। पर्स में ईटीआईएम मशीन, डयूटी स्लीप, महिला के गहने आदि सामान थे। पुलिस को रुपये नहीं मिले हैं। इस मामले में अब धारा 182 के तहत पुलिस महिला परिचालक के खिलाफ कार्रवाई करेगी। रोडवेज विभाग के जो भी लोग रची लूट की झूठी घटना के बारे में सुना वह दंग रह गया। जानकारों की माने तो अगर चोरी की सूचना दर्ज कराती तो शायद यह झेलना नहीं पड़ता।