प्रयागराज (ब्यूरो)। हसनैन मुस्तफाबादी की अध्यक्षता और आफताबे निज़ामत नजीब इलाहाबादी के संचालन मे मुशायरे में देश के रणबांकुरों को खेराजे अक़ीदत पेश की। मनमोहन सिंह तन्हा ने देश की रक्षा में ही कट जाए यह जीवन सारा-इस धरती का जर्ऱा- जर्ऱा हमको अपनी जान से प्यारा। प्रीता बाजपेयी ने हर बशर पे नक़ाब है की नहीं-यह ज़माना खराब है की नहीं। रोते बच्चों को मैं हंसाती हूं- यह भी कारे सवाब है की नहीं।
मिस्बाह इलाहाबादी ने पढ़ा चरागा होता है उन लोगों की मजारों पर ज़मीन ओढ़ के जो लोग आज सोते हैं। नजीब इलाहाबादी ने मुझको शहीदाने वतन-खून से सींचा शहीदों ने गुलिस्ताने वतन। वहीं शायर ताजवर सुलताना,नायाब बलयावी, ज़की भारतीय, अशरफ उन्नावी ,अनस बिजनौरी, रौनक़ सफीपूरी, रुस्तम साबरी आदि ने एक से बढ़ कर एक गज़़ल व देशभक्ति तरानों के द्वारा एक शाम शहीदों के नाम को गुलज़ार बनाते हुए देश के रणबांकुरों को खेराजे अक़ीदत पेश की।

किए गए सम्मानित
आयोजक शफक़त अब्बास पाशा की ओर से सामाजिक व साहित्यिक कार्य के लिए पूर्व महाधिवक्ता क़मरुल हसन सिद्दीकी, साम्प्रदायिक सौहार्द व सामाजिक कार्य के लिए पंडित रवि शंकर (तक्षक महाराज), उर्दू साहित्य के लिए डॉ क़मर आब्दी, स्व तूफान दरियाबादी, तौक़ीर ज़ैदी तथा सामाजिक कार्य मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले कौशाम्बी जनपद के निर्बल विकास एवं उत्थान समिति के सचिव आफताब बाबा को सम्मानित किया। समाजसेवा व पत्रकारिता मे अपनी अमिट छाप छोडऩे वाले सैय्यद मोहम्मद अस्करी को भी शॉल मोमेन्टो व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व कोरोना काल मे दिवंगत हुए शायर तूफान दरियाबादी की पत्नी को सम्मानित किया गया। इस दौरान फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन ने उनकी चार वर्ष की बेटी फिज्जा की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली। कार्यक्रम में आसिफ उसमानी, हसन नक़वी, रौनक़ सफीपूरी, रूस्तम साबरी, बाकऱ नक़वी, सैय्यद अज़ादार हुसैन ,अब्बास गुड्डू, शौजफ़ मलिक,अज़मत अब्बास, डॉ अभिषेक कनौजिया आदि मौजूद रहे।