प्रयागराज (ब्यूरो)महानगर बस सेवा की 40 और अनफिट बसें का पहिया सोमवार को शाम ढलते ही थम गया। अब इनका संचालन फिटनेस सर्टिफिकेट न मिलने तक बंद ही रहेगा। ऐसे में रोजाना इन बसों से सफर करने वाले लोगों की दिक्कत भी बढ़ गई है। जो बसें पंद्रह मिनट के अंतराल में मिल जाती थी। अब इन बसों को पकडऩे के लिए लोगों को आधा-आधा घंटे से ऊपर का इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि जिले के 27 रूटों पर इन बसों का संचालन होता है।

33 बसों पर पूरा भार
प्रयागराज में 2009 में महानगर बस सेवा के तहत 120 बसें आई थी। इन बसों में से बीस बसें आगजनी का शिकार हो चुकी है। जिसके चलते कबाड़ होकर ऑफ रोड है। पिछले वर्ष 27 बसें फिटनेस सर्टिफिकेट न मिलने के कारण बंद हो गई है। अब और 40 बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलने से ऑफ रोड़ हो गई है। एक तरह से 87 बसें ऑफ रोड है। अब जिले में मात्र 33 महानगर बसों से सैंकड़ों व हजारों लोग रोजाना सफर करने को मजबूर है। सबसे बड़ी बात है कि इन बसों का भी एक महीने बाद सर्टिफिकेट समाप्त हो रहा है। जो इस वक्त सड़कों पर दौड़ रही है।

रोजगार का संकट
इन बसों का संचालन बंद हो जाने से अब चालक परिचालकों के सामने रोजगार का भी संकट खड़ा हो गया है। मंगलवार को रोडवेज के अधिकारियों के साथ वार्ता, रोडवेज संगठनों के बीच बैठक प्रस्तावित है। जहां संविदाकर्मियों की नौकरी बचाने और जनसुविधा को चालू रखने के लिए आगे की रणनीति बनेगी।


आज बढ़ेगी यात्रियों की परेशानी
शहर के अंदर व सोरांव, प्रतापपुर, फूलपुर, लालगोपालगंज, शंकरगढ़, करछना आदि के यात्रियों का सफर सोमवार से मुश्किल भरा होगा। 120 की जगह मात्र 33 बसें 27 रूट पर व 50 इलेक्ट्रिक बसें पांच रूटों पर चलेंगी। ऐसे में लोगों को अपने समय से आधा घंटा जल्दी घर से निकलने की जरूरत होगी। नहीं तो वह अपने गंतव्य पर लेट पहुंचेंगे।

फिटनेस न मिलने के कारण फिलहाल बसें संचालित नहीं होंगी। हमारा प्रयास जारी है कि 15 वर्ष तक वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिलने का जो मानक है उसका लाभ महानगर बसों को भी मिले।
मुकेश कुमार, सेवा प्रबंधक रोडवेज