प्रयागराज (ब्यूरो)। 28 साल पहले जब आरोपी की उम्र 15 साल थी तब वह मोर को दाना और पानी दिया करता था। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मोर पर लाठी से प्रहार कर मार दिया गया। वन्य अधिकारियों द्वारा दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। बालक पर मोर को अवैध रूप से पालने का आरोप था। किशोर न्याय बोर्ड फैसला सुनाते हुए कहा कि बच्चों का यह स्वाभाविक गुण है कि जब वे कोई सुंदर प्यारा जानवर देखकर उससे दोस्ती करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में उस समय का किशोर 28 साल से कोर्ट का चक्कर लगा रहा है और अब उसे किसी प्रकार का दंड दिया जाना न्योयाचित नही है। इसी तरह 28 साल पुराने एक अन्य मामले में भी सर्वोत्त हित को देखते हुए प्रकरण की कार्यवाही को बंद कर दिया गया।