उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में हुआ नाटक का मंचन

दो नवाबों की प्रतिद्वंद्विता, अहंकार और दंभ पर कटाक्ष

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में कला प्रेमियों ने 'काठ की तोप' का मंचन किया। इस नाटक ने दिखाया कि विभाजन की त्रासदी क्या होती है। माध्यम संस्थान द्वारा विदूषक शैली में इस नाटक का मंचन किया गया। गिरिराज किशोर ने यह नाटक लिखा है और निर्देशन विनय श्रीवास्तव ने किया।

नादानी का फायदा उठाते हैं बिचौलिए

नाटक का परिवेश अवध का सामंती (नवाबी) काल है। यह छोटे और बड़े दो नवाबों की प्रतिद्वंद्विता, दंभ, अहंकार की लड़ाई और मतभेदों पर कटाक्ष करता है। वर्तमान सांस्कृतिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में केवल भारत की स्थिति ही नहीं बल्कि संसार के विभिन्न देशों की स्थिति को नाटक के माध्यम से दिखाने की कोशिश हुई। दोनों नवाब आपस में बंटवारा कर लेते हैं और प्रतिष्ठा के प्रतीक दरख्त के लिए आपस में हथियारों सहित युद्ध में उतर पड़ते हैं। बिचौलिए अपने हथियार बेचकर उनकी इस नादानी का फायदा उठाते हैं। अंत में दोनों नवाब अपनी इज्जत बचाने के लिए अंग्रेजों के आगे लाचार हो जाते हैं। नाटक में सूत्रधार और विदूषक के रूप में कृष्णा यादव, विपिन गौड़, अजय कुमार, अक्षय कुमार, हíषत पाठक, अनुराग यादव, बड़े नवाब-सुधीर सिन्हा, छोटे नवाब-लवकुश भरतीय, मटरुमल- चंकी बच्चन, व्यापारी-सिद्धार्थ मिश्रा, छोटा व्यापारी-ओम श्रीवास्तव और सदर-आकृत श्रीवास्तव ने खूबसूरत अभिनय किया। संचालन प्रतिभा नागपाल ने किया।