प्रयागराज ब्यूरो । श्री दिगंबर जैन पंचायती सभा प्रयाग के तत्वाधान में जीरो रोड स्थित जैन मंदिर में मुनि पावन सागर महाराज एवं मुनि सुभद्र सागर के सानिध्य व सुनील जैन के निर्देशन में बुधवार को दशलक्षण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के रूप में मनाया गया। इसके साथ ही जैन समाज के लोगों की दस दिन तक आराधना, व्रत की शुरुआत हो गयी। सुबह सुनील जैन के निर्देशन में मंत्रोचार के साथ अभिषेक, पूजन एवं आरती हुई। कर्नलगंज, बेनीगंज, ऋषभदेव तपस्थली अंदावा, नैनी में दशलक्षण का पहला दिन हर्षोल्लास के साथ मना। सायंकाल मंदिर में आरती एवं महिला मंडल द्वारा 12 वर्ष तक के बच्चों की भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
संगीतमय पूजा अर्चना हुई
पंडित सुनील जैन ने बताया कि दशलक्षण महापर्व पर समाज जनों द्वारा संगीतमय धर्म आराधना की जा रही है, साथ ही कई साधर्मियों द्वारा व्रत उपवास कर तप साधना की जा रही है। जहां महापर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म के अवसर पर समाज जनों द्वारा हर्षोल्लास के साथ श्रीजी की आराधना करते हुए संगीतमय पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, नवयुवक, बालिका मंडल आदि मौजूद रहे। उत्तम क्षमा धर्म के बारे में मुनि पावन सागर महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि क्षमा, धर्म, विश्व शांति का प्रबल मंत्र है। क्रोध न करें इसी का नाम क्षमा है। क्षमा मांगने की नहीं स्वयं के अंदर उतारने की आवश्यकता है। जैसे रूप का आभूषण गुण है। गुण का आभूषण ज्ञान है। ज्ञान का आभूषण क्षमा है ऐसे क्षमा धर्म को हमें अपने जीवन में हरपल अपनाना है। वर्तमान में जो विश्व व्यापी समस्याएं जड़वत हैं। छोटी-छोटी बातों में अहम के कारण एक देश दूसरे देश से युद्ध की बात सोचते हैं और धमकियां देने लगता है। क्षमा धर्म को अपनाने से यह समस्या स्वमेव ही दूर हो जाएगी। विश्व शांति के लिए प्रबल सूत्र है क्षमा धर्म। राजेश कुमार जैन ने बताया कि कल 20 सितंबर दिन बुधवार को उत्तम मार्दव् धर्म की आराधना की जायेगी।