दुर्घटना का शिकार होने पर व्यापारी को मिलेगा पांच लाख रुपया
- जून 2017 में लागू योजना का जून 2018 तक व्यापारी उठा सकते हैं फायदा
- जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों का सरकार ने कराया बीमा
जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकार से वैट की तरह दुर्घटना बीमा योजना का लाभ व्यापारियों को दिए जाने की मांग चल रही है। जबकि व्यापारियों को इस बात की अभी तक बिल्कुल जानकारी ही नहीं है कि वैट के समय में लागू व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना अभी भी प्रभावी है। जिसका लाभ उन व्यापारियों को मिलेगा, जो जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं और किसी दुर्घटना के शिकार होते हैं।
वैट लागू होने के दौरान पिछले वर्ष जून 2017 में प्रभावी व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना जून 2018 तक फिलहाल अभी पूरी तरह से प्रभावी है। जबकि व्यापारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं है, तभी तो आए दिन व्यापारियों द्वारा जीएसटी में दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिए जाने की मांग उठती है।
वैट के दौरान बीमा योजना का नाम व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना था, जिसका नाम बदल कर सरकार ने अब मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना कर दिया है।
मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के तहत ये हैं पात्र
- उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत व्यापारी पूरी तरह से बीमित हैं।
- जो व्यापारी एकाधिकार वाली फर्म में फर्म के मालिक हैं।
- पार्टनरशिप फर्म में कोई भी साझेदार
- कंपनी की दशा में मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ
इस दशा में मिलेगी बीमा राशि
किसी दुर्घटना के शिकार होने पर व्यापारी की अगर मृत्यु होती है
- व्यापारी की हत्या कर दी जाती है।
- पूर्ण या स्थायी विकलांगता का शिकार होता है
- पंजीकृत व्यापारी की पत्नी-पति मिलेगा धनराशि
- पत्नी या पति न होने पर उत्तराधिकारी को मिलेगा भुगतान
फैक्ट फाईल
इलाहाबाद में जीएसटी में पंजीकृत 20 हजार व्यापारी हैं मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के लाभार्थी
- पंजीकृत व्यापारियों के साथ होता है कोई हादसा तो सरकार देगी बीमा धनराशि
वर्जन-
ये बात सही है कि व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना को लेकर व्यापारियों में भ्रम की स्थिति है। वैट समाप्त होने के बाद अभी दुर्घटना बीमा योजना समाप्त नहीं हुआ है। फिलहाल जून 2018 तक यह प्रभावी है, जो आगे बढ़ सकता है।
राम प्रसाद
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2
वर्जन
व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना व्यापारियों के लिए बहुत जरूरी है। वैट के समय में लागू योजना को सरकार को जीएसटी लागू होने के बाद आगे भी बढ़ानी चाहिए। ताकि व्यापारी के परिजनों को इसका लाभ मिल सके।
संतोष पनामा
संयोजक
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति