- फाफामऊ और छतनाग में चार-चार सेमी कम हुआ जलस्तर
- यमुना हुई स्थिर, पीछे आने वाले पानी की रफ्तार हुई कम
प्रयागराज- कछारी इलाकों में फिलहाल बाढ़ का खतरा टलने लगा है। गंगा और यमुना में मंगलवार को पिछले कुछ घंटों में जलस्तर कम हुआ है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। अधिकारियों का कहना है जब तक बारिश नही होती, जलस्तर में कमी बरकरार रहेगी। भारी बारिश हुई तो फिर नदियां उफान पर आ सकती हैं।
धीमी हो गई रफ्तार
सुबह आठ बजे तक गंगा और यमुना में उफान जारी था। चौबीस घंटे में दोनों नदियों का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। इसके बाद मंगलवार दोपहर में यह रफ्तार कम हो गई और फिर दो बजे से गंगा के जलस्तर में गिरावट होने लगी। शाम छह बजे तक चार घंटे में प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से फाफामऊ और छतनाग में पानी कम हो रहा था। वही यमुना में स्थिरता बनी हुई थी। अधिकारियों का कहना था कि जल्द ही यमुना का जलस्तर भी कम होने लगेगा।
यहां ली राहत की सांस
गंगा-यमुना के कछारी इलाकों में नदियों का पानी पहुंचने से दिक्कत होने लगी थी। सिचाई विभाग ने खतरे को देखते हुए बक्शी बांध का स्लूज गेट बंद कर दिया था। अब नदियों का जलस्तर कम होने से खासकर बघाड़ा, शंकरघाट और नेवादा आदि के निवासी राहत की सांस लेंगे। क्योंकि जलस्तर एक मीटर और बढ़ता तो इन इलाकों में घरों में पानी घुस जाता है।
पहाड़ों पर भी राहत
मैदानी इलाकों की राहत के पीछे पहाड़ों का पानी मेन कारण होता है। पहाड़ों से छोड़े गए पानी की तादाद कम होने से गंगा बैराज सहित तमाम बांधों से कम पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से नदियों में उफान नजर नही आ रहा है। अगर यही हालात रहे तो कुछ दिनों में नदियां अपने पुराने स्वरूप में आ जाएंगी। लेकिन बारिश पुन: जोरदार हुई तो कछारी इलाकों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
वर्जन
नदियों का जलस्तर घटने लगा है। अभी चिंता की बात नही है। हमलोग जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। अगर कोई समस्या होती है तो निपटने के बाकी इंतजाम किए जाएंगे।
ब्रजेश कुमार, एक्सईएन, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड