प्रयागराज ब्यूरो ।आप किसी डाउट में मत रहिए। लाइफ में बहुत ज्यादा एक्सपेरिमेंट की जरूरत नहीं होती है। खुद की मेहनत और लगन पर भरोसा रखिए। लाइफ में सक्सेज पाना है तो करियर का चुनाव सोच समझकर करना होगा। सही करियर का चुनाव करना आसान नहीं है। इसके लिए पहले गोल को सेट करना होगा। हर व्यक्ति को अपनी परफार्मेंस और कैपिसिटी का अंदाजा होता है। उसे अपनी क्षमता के अनुसार ही गोल को पाना होगा। यह सभी बातें स्टूडेंट्स को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और अमृता विश्व विद्यापीठम की ओर से आयोजित दो दिवसीय करियर पाथवे सेमिनार के दूसरे दिन एक्सपट्र्स ने कहीं। कार्यक्रम में कई स्कूल के बच्चों ने पार्टिसिपेट किया।
आलू की तरह होता है स्टूडेंट का जीवन
कार्यक्रम के चीफ गेस्ट सिटी मजिस्ट्रेट सत्यप्रिय सिंह ने स्टूडेंट्स की तुलना आलू से की। उन्होंने कहा कि एक बार आलू स्मैश हो गया तो किसी काम का नहीं होता। लेकिन उसमें खूबी होती है कि वह किसी भी सब्जी के साथ मिक्स हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप लोग खुद अपने भाग्य विधाता है। आपको कोई बिगाड़ या बना नहीं सकता। यह आपको खुद तय करना होगा। आप खुद अपनी राह चुन सकते हैं। इसलिए अपने लक्ष्य को तय कर लीजिए। खुद को स्मैश मत होने दीजिए। सफलता प्राप्त करने के लिए लाइफ में केवल मेहनत जरूरी नही होता है। किस दिशा में कितनी मेहनत करनी है यह जरूरी होता है।
पहले लक्ष्य को निर्धारित करो
कार्यक्रम में मेमोरी ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी ने स्टूडेंट्स से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास करना जरूरी है। इसके लिए अपनी क्षमता के अनुसार लक्ष्य के पीछे लगे रहना होगा। बिना थके और रुके लक्ष्य के पीछे भागना होगा। कहा कि तेज भागती लाइफ में सही समय पर लक्ष्य को हासिल करना आसान नही होता है। इसके लिए लक्ष्य का निर्धारित किया जाना जरूरी है। उन्होंने स्टूडेंट्स को अपनी बात समझाने के लिए कई उदाहरण का सहारा लिया। उन्होंने काफी मनोरंजक तरीके से बच्चों को बताया। बीच बीच में उनके जोक्स और वीडियोज को भी स्टूडेंंट्स ने खूब इंज्वॉय किया।
ब्रूसली और सचिन का दिया उदाहरण
डॉ। चेतवानी ने अपनी स्पीच में सफलता के लिए ब्रूसली और सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि ब्रूस में काबिलियत थी लेकिन उनको सक्सेज नही मिल रही थी। इसके लिए उन्होंने हार नही मानी बल्कि गोल सेट किया। उन्होंने खुद को एक पत्र लिखा और उसमे लिखा कि 80 के दशक में मैं सबसे बड़ा और महंगा एक्टर बनूंगा। इस खत को वह रोज देखते थे। फिर एक दिन ऐसा आया कि वह इसी दशक में सबसे महंगे एक्टर बने। इसी तरह सचिन तेंदुलकर ने भी अपने लेख में अपने फेल्योर पर अधिक बात की है। कोई भी सक्सेज पर्सन अपनी बायोग्राफी में हमेशा फेल्योर की बात करता है। इससे उसे लाइफ में सक्सेज होने के लिए मोटीवेशन मिलता है। बताया कि हार्वर्ड की एक स्टडी के अनुसार 84 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनका कोई गोल तय नही है। जबकि 13 फीसदी की लाइफ के गोल सेट थे। तीन फीसदी लोगों को गोल लिखा हुआ था। इन लोगों का सक्सेज रेट दूसरों के मुकाबले तीन गुना अधिक था।
पीएमएस थ्योरी की दी जानकारी
डॉ। तुषार ने स्टूडेंट्स को पर्सनल मींिनंग सिस्टम यानी पीएमएस के बारे में बताया। उन्होंने लॉ आफ इमेजिनेशन की तर्ज पर समझाया। बताया कि राजधानी, करेंसी, जानवर, प्लेस आदि के नाम और अन्य शब्दों के अर्थ के आधार पर आसानी से लनिँग प्रासेस को ठीक किया जा सकता है। स्टूडेंट्स को समझाने के बाद उनसे पीएमएस के बारे में सवाल भी पूछे गए। जिसका जवाब भी दिया गया। उन्होंने स्टूडेंट्स से पूछा कि कितने लोगों ने अपना गोल सेट किया है। ऐसे में स्टूडेंट्स ने हाथ खड़ा कर अपने गोल सेटिंग की जानकारी दी।
90 फीसदी स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट रिकार्ड
असिस्टेंट मैनेजर (पीआर एंड आउटरीच) डायरेक्टरेट आफ एडमिशन अमृता विश्व विद्यापीठम यूनिवर्सिटी शुभम तोमर ने स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए सही यूनिवर्सिटी का चुनाव करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एडमिशन लेने से पहले तमाम बिंदुआं की जांच की जानी चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि समय और पैसा दोनों का नुकसान हो जाए। उन्होंने अमृता विश्वविद्यापीठम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस संस्थान के देश में आठ कैंपस है। जिनमें सौ से अधिक डिपार्टमेंट और 182 प्रोग्राम यूजी, पीजी और पीएचडी में संचालित किए जाते हैं। संस्थान में इंजीनियरिंग , मेडिकल साइंसेज, साइंस और ह्यूमेनिटीज समेत कई स्ट्रीम में कोर्स संचालित किए जाते हैं। इनके अलावा 11 हजार से ज्यादा जर्नल, 100 पेटेंट, 350 प्रोजेक्ट और 500 पीएचडी डिग्री जारी की जा चुकी है। वी संस्थान में 300 से ज्यादा लैब और 90 फीसदी स्टूडेंट के प्लेसमेंट रिकार्ड हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए संस्थान की वेबसाइट या स्टूडेंट विजिट कर सकते हैं।
दीप प्रज्जवलन के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम
एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रो। प्रीतम दास आडिटोरियम में शनिवार को कार्यक्रम की शुरुआत लैंप लाइटिंग से हुई। इस अवसर पर चीफ गेस्ट सिटी मजिस्ट्रेट सत्यप्रिय सिंह, मेमोरी ट्रेनर एंड मोटीवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी, असिस्टेंट मैनेजर (पीआर एंड आउटरीच) डायरेक्टरेट आफ एडमिशन अमृता विश्व विद्यापीठम यूनिवर्सिटी शुभम तोमर और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के संपादक श्याम शरण श्रीवास्तव उपस्थित थे। इसके पहले स्टूडेंट्स द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन कराया गया। सेमिनार का आयोजन दो दिन किया गया। शनिवार को इसका समापन हुआ।
इन स्कूलों ने किया पार्टिसिपेट
फस्र्ट सेशन
सेंट कोलंबस राजापुर, महर्षि विद्या मंदिर कालिंदीपुरम, एमवी कांवेंट इंटर कॉलेज धूमनगंज, एमएल कांवेंट इंटर कॉलेज करेलाबाग, एलडीसी पब्लिक स्कूल सोरांव, पुलिस माडर्न स्कूल, बीबीएस इंटरनेशनल गोहरी
सेकंड सेशन
वशिष्ठ वात्सल्य स्कूल सिविल लाइंस, स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जार्जटाउन, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल चौफटका, आर्य कन्या इंटर कॉलेज मुट्ठीगंज
लकी ड्रा विनर स्टूडेंट
फस्र्ट सेशन
- मनीषा पटेल, एमवी कांवेंट इंटर कॉलेज
- अनुराग गुप्ता, पुलिस माडर्न स्कूल
- प्रियांशी सिंह, एमवी कांवेंट इंटर कॉलेज
सेकंड सेशन
- आकाश गुप्ता, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
- अर्पण मिश्रा, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
- आरुष सिंह, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
इन टीचर्स का हुआ सम्मान
फस्र्ट सेशन
अक्षय सिंह, सेंट कोलंबस पब्लिक स्कूल
प्रीति मिश्रा, महर्षि विद्या मंदिर
वीरेंद्र सिंह, पुलिस माडर्न स्कूल
अजय सरकार, पुलिस माडर्न स्कूल
अरविंद श्रीवास्तव, महर्षि विद्या मंदिर
चंद्रा सिंह, महर्षि विद्या मंदिर
अमित कुमार सिंह, महर्षि विद्या मंदिर
राघवेंद्र त्रिपाठी, महर्षि विद्या मंदिर
डॉ। अरुण दुबे, सेंट कोलंबस
पुनीत वर्मा, सेंट कोलंबस
रामा प्रकाश, एलडीसी पब्लिक स्कूल
अजीत कुमार, एलडीसी पब्लिक स्कूल
ऋषभ शुक्ला, एलडीसी पब्लिक स्कूल
सर्वेश कुमार, एमएल कांवेंट
अल्का शुक्ला, एमएल कांवेंट
शैल कुशवाहा, एमवी कांवेंट
गौरव बोस, एमवी कांवेंट
शैली प्रजापति, एमवी कांवेंट
सेकंड सेशन
सरिता सिंह, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
पूजा गुप्ता, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
राज कुमार, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
अभिषेक, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
संगीता यादव, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
इंदु सिंह, आर्य कन्या इंटर कॉलेज
डॉ। रविकांत सिंह, स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज
मनीष श्रीवास्तव, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
राजेश कुमार, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
चंचल सिंह, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
आरती गुप्ता, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
उदय कुमार, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
कमल कुमार, वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल
इशरत हाशमी, वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल
प्रगति मिश्रा, वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल
वर्जन
- प्रोग्राम बहुत अच्छा था। इसमें हमे एक नया मोटीवेशन मिला। ऐसे प्रोग्राम के जरिए छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्हें पता होता है कि आने वाले समय में उन्हें क्या करना है। करियर गाइडेंस के लिए कहीं भटकना नही पड़ता है।
मोहित कुमार, महर्षि विद्या मंदिर
सेमिनार का सब्जेक्ट बहुत अच्छा था। आजकल लोग करियर के चुनाव के बारे में नही सोचते हैं। यहां आने के बाद इसकी जानकारी मिली। इस सेमिनार के जरिए पता चला कि किस तरह से अपने भविष्य के करियर का चुनाव करना है।
अहसान अली, एमएल कांवेंट
करियर ओरिएंटेड समिनार था। इसमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। एक्सपर्ट ने सही बताया। पता चला कि किस तरह से गोल सेट करना है। बिना प्लानिंग कुछ नही हो सकता है। अगर लाइफ में सक्सेज होना है तो पहले लक्ष्य तैयार करना होगा।
आंचल पटेल, एलडीसी पब्लिक स्कूल
फ्चूचर की चिंता करने के बजाय उसके एचीव करने के बारे में सोचिए। समय काफी कम है इसलिए सही दिशा में चलना होगा। यहां आकर पता चला कि कैसे प्लानिंग करना है। घबराना नही है। अगर हमारा गोल सेट है तो आसानी से सक्सेज को पाया जा सकता है।
शुभम, पुलिस माडर्न स्कूल
हमने सीखा कि अर्जुन की तरह लक्ष्य पर निशाना लगाना है। उसके पहले यह जानना जरूरी है कि लक्ष्य क्या है। अगर प्लानिंग कमजोर हुई तो फिर सक्सेज पाना आसान नही होगा। यह बात स्टूडेंट को सेमिनार के जरिए ही पता चली।
गजाला परवीन, सेंट कोलंबस
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित इस सेमिनार का उददेश्य काफी अच्छा था। हम सबको ऐसे इवेंट का हिस्सा बनना चाहिए, यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला है।
अभिनव सिंह, बीबीएस इंटरनेशनल स्कूल
याद करने की क्षमता को बढ़ाना स्टूडेंट के लिए बेहद जरूरी है। इससे मेमोरी भी शार्प होती है। याद की हुई चीज किस तरह से आसानी से अपने दिमाग मे दोहरा कर उसे अपने परीक्षा मे लिख सकते है। यह पढाई करने का एक अच्छा तरीका है। जो हमें इस सेशन मे सीखने को मिला।
छाया, एमवी कांवेंट
गोल सेट करने में कोई बुराई नही है। बिना गोल विद्याथी्र का जीवन बेकार है। हम सभी को अपने गोल को सेट कर उसके बारे में दिन रात मंथन करना ाचहिए। तभी लाइफ में सफलता मिलेगी।
कमल राज नेगी, वशिष्ठ वात्सल्य स्कूल
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा कराये गये इस कैरियर पाथवे मे अपने करियर को चुनने मे सहायता मिलेगी। बहुत से डाउट क्लीयर हुए हैं। उम्मीद है कि भविष्य में हम इसे अपनी लाइफ में फालो करेंगे।
सुमित शुक्ला, स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज
हमें अपने लक्ष्य को सेट करने के साथ उसको पाने की तरीका भी खोजाना होगा। इसके बाद ही लाइफ सक्सेज हो पाएगी। हम यह नही जान पाते कि मेहनत किस दिशा में कितनी करनी होगी।
वैभव गुप्ता, इलाहाबाद पब्लिक स्कूल
इंटर पास करने के बाद किसी अच्छे संस्थान में एडमिशन लेना जरूरी हे। इसके लिए क्या करना है यह हमें यहां पता चला। काफी अच्छी बातें यहां आकर सीखने को मिली हैं।
गौसिया खान, आर्य कन्या इंटर कॉलेज