प्रयागराज (ब्यूरो)। हिरासत में लिये जा चुके और मुकदमो में नामजद लोगों की जो लिस्ट तैयार हुई है उसमें यह फैक्ट चौंकाने वाला है कि आसपास के मोहल्लों शाहगंज, अतरसुइया, सालिगराम जायसवाल नगर और खुल्दाबाद ही नहीं घूरपुर और पुरामुफ्ती इलाकों के लोग पत्थरबाजी में शामिल थे। लिस्ट से तमाम सवाल खड़े होते हैं। आखिर ये लोग अटाला में नमाज के वक्त पहुंचे क्यों? या फिर अंदर ही अंदर खिचड़ी पकाने वालों ने इन तक संदेश पहुंचाया था कि यहां पहुंचें। पुलिस के हाथ अभी ऐसा कुछ नहीं लगा है जिससे पुष्ट हो कि कोई रिटेन कम्युनिकेशन हुआ था। सोशल मीडिया के मैसेज को भी पुलिस खंगाल रही है। अटाला में वैसे तो सन्नाटे का माहौल रहा लेकिन इक्का दुक्का जो लोग मिल भी गये वे बात करने के लिए तैयार नहीं थे। सवाल पूछने पर सिर्फ इतना कहा कि, अटाला को माहौल खराब करने वाले लोगों ने टारगेट किया था। यहां रहने वाले लोग घटना के लिए उतने जिम्मेदार नहीं हैं जितना इसके पीछे अपना दिमाग लगाने वाले।

अटाला का ही चुनाव क्यों
बाहर से लोग बुलाये गये थे तो घटना के लिए अटाला एरिया को ही क्यों चुना गया? इस सवाल का जवाब वैसे तो पुलिस की जांच के बाद ही सामने आयेगा लेकिन, सूत्र बताते हैं कि यह भी प्लान का हिस्सा था। इस इलाके में मुसलमानों की आबादी 80 फीसदी से ज्यादा है। गलियां बेहद संकरी हैं। आम तौर पर इन गलियों में पुलिस का आना-जाना नहीं होता। दूसरे कुछ दिन पहले ही नूरुल्ला रोड से अतिक्रमण हटाते वक्त सख्ती बरती गयी थी। इसे लोगों ने देखा था। दूसरा कारण यहां भागकर बचने के लिए वैसी गलियां नहीं हैं जैसी अटाला एरिया में मिल गयीं। अटाला की गलियों में पत्थरबाजों के लिए सभी सामग्री आराम से सुरक्षित हो गयी थी और किसी को भनक भी नहीं लगी।

इतनी धाराएं कि जमानत भी न मिलेगी
पथराव एवं आगजनी व तोडफ़ोड़ के मामले में आरोपितों पर गंभीर धाराएं लगाई गई गई हैं।
सबसे बड़ी धारा एक्सपर्ट 307 यानी हत्या का प्रयास बता रहे हैं।
इसके साथ धारा 143, 144, 145, 147, 148, 149, 153-ए, 153-बी, 295-ए, 332, 353, 435, 427, 504, 505 (2) 506, 120-बी व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा चार, पांच व सात लगी है
किशोर उम्र वालों को बच्चों की देखभाल और सरंक्षण अधिनियम 2015 की धारा 83, सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 व सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा चार लगाई है।
धाराओं में थोड़ा उपर नीचे हो सकता है लेकिन तीनो मुकदमों में आलमोस्ट सेम है

अटाला में पत्थरबाजी में बाहरी लोग भी शामिल थे। यह तो अब तक की गिरफ्तारी की डिटेल से स्पष्ट होता है। यह खतरनाक मंसूबे के साथ तैयार किये प्लान का भी संकेत देते हैं। पुलिस हर एंगल पर जांच करेगी। उपद्रव करने वाला कोई भी बख्शा नहीं जायेगा। वह कहीं का भी रहने वाला हो।
प्रेम प्रकाश
एडीजी, जोन प्रयागराज