प्रयागराज (ब्यूरो)।बह बेटा और तेज, अरररा हुर्रे, चल- चल बेटा बढ़ा चाल, शाबास। कुछ ऐसी ही आवाज से सावन के पहले सोमवार पर नैनी अरैल में यमुना नदी किनारे बनी नई सड़क गूंजती रही। तालियां बजाते हुए सैकड़ों दर्शन वाह-वाह की आवाज देकर हौसला बढ़ाते रहे। मौका था परंपरागत गहरेबाजी (बग्घियों के साथ घोड़ों की दौड़) का। इस रेस के दौरान गहरेबाजों के इशारे पर बग्घी में बंधे घोड़े हवा में बात करते हुए टक-टक रेस लगाते रहे। रेस शुरू होने के थोड़ी देर बाद उड़ान, सुल्तान, कन्हैया और भूकंप एवं माराडोना नामक घोड़े की रफ्तार देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध रहे। भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए गहरेबाजी के वक्त नैनी थाना प्रभारी बृजेश सिंह फोर्स के साथ मौके पर डटे रहे।
दर्शक बढ़ाते रहे तालियों से हौसला
इस बार गहरेबाजी का कार्यक्रम तो वही था बस स्थान बदल गया था। गहरेबाजी संघ प्रयाग के अध्यक्ष राजीव भरद्वाज, विष्णु महाराज, गहरेबाज बदरे आलम, बब्बी पंडा, जय ङ्क्षसह समेत अन्य लोग अपने अपने घोड़े को बग्घी के साथ लेकर अरैल निर्धारित सड़क पर पहुंचे। शाम करीब पांच बजे भाजपा नेताओं राजू पाठक, गिरजेश मिश्रा, राजन शुक्ला और आयुष अग्रहरि आदि ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। करीब एक किलोमीटर की दूरी तक घोड़े दौड़ाए गए। राजीव भरद्वाज ने बताया कि सावन शिव की आराधना का महीना है और घोड़े शक्ति का प्रतीक होते हैं। इसी शक्ति के साथ शिव आराधना के लिए गहरेबाजी कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष की भांति इस बार भी किया गया। बताया कि पुलिस विभाग का सहयोग रहा। आयोजकों की मानें तो अगले सोमवार भी इसी मार्ग पर गहरेबाजी होगी।