प्रयागराज ब्यूरो । आज सोमवार से शुरू हुए सावन माह के एक दिन पूर्व रविवार से ही गंगा घाटों पर कावडिय़ों का जत्था पहुंचने लगा। शाम स्नान घाटों पर कावडिय़ों की काफी भीड़ लग गई। भगवान भोले बाबा के भक्तों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। घाट से लेकर सड़क तक उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बोल-बम-का नारा है बाबा तेरा सहारा है जैसे उद्घोष से घाट घूंजते रहे। जलाभिषेक के लिए घाट से जल लेकर सैकड़ों की संख्या में भक्त काशी के लिए रवाना हुए। भक्तों की भीड़ को देखते हुए शास्त्री ब्रिज को वन-वे कर दिया गया है। दोपहर बाद से ब्रिज पर भारी वाहनों के प्रवेश पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोक लगा दी गई।

शहर से झूंसी का सफर फुला देगा दम
संगम दशाश्वमेध गंगा घाट से सावन माह में जल लेकर हजारों कावडिय़ा भगवान भोले बाबा का जलाभिषेक करने के लिए वाराणसी जाते हैं। शास्त्री ब्रिज से होकर इन कावडिय़ों को वाराणसी तक का सफर पूरा करना होता है। लिहाजा ब्रिज पर भीड़ और जाम जैसी स्थिति बन जाती है। भोले बाबा के इन भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने गंगा नदी पर बने इस शास्त्री ब्रिज को वन-वे कर दिया है। मतलब यह कि ब्रिज पर बाईं तरफ के लेन से सिर्फ कावडि़ए ही आवागमन करेंगे। जबकि दाहिनी तरफ के लेन से वाहनों का आवागमन होगा। गौर करने वाली बात यह है कि पूरे सावन इस ब्रिज पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सिर्फ इमरजेंसी वाहन जैसे एम्बुलेंस, दूध, दवा व शव वाहन ही भारी होने के बावजूद आवागमन कर सकेंगे। व्यवस्था को अमल में लाने के लिए शास्त्री ब्रिज से अंदावां तक सभी चौराहों पर बैरीकेडिंग कर दी गई है। ब्रिज पर रविवार दोपहर बाद से ही भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। लेन बदलने के लिए राहगीरों को लोटस हास्पिटल से होकर जाना पड़ेगा। कालोनी योजना तीन में रहने वालों को त्रिवेणीपुरम से होकर आगे का सफर पूरा करना होगा। पूरे एक महीने तक यह व्यवस्था यहां लागू रहेगी। सावन के सोमवार से एक दिन पूर्व व एक दिन बाद तक सख्ती के साथ छोटे भार वाहनों को भी ब्रिज से आवागमन की इजाजत नहीं होगी।

इन मंदिरों में सुरक्षा के सख्त इंतजाम
शहर के ऐतिहासिक शिवालयों में भी जलाभिषेक के लिए सावन में भक्तों की जबरदस्त भीड़ होती है। इनमें भगवान मनकामेश्वर मंदिर, शिवकुटी स्थित शिव कचहरी, कोटेश्वर महादेव मंदिर प्रमुख रूप से शामिल हैं। यहां भोर से ही भक्तों व कावडिय़ों की भीड़ लग जाती है। यह देखते हुए प्रशासन की ओर से इन मंदिरों में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर में पुरुष के साथ महिला पुलिस भी लगाई गई है। पुलिस यह जवान पूजा पाठ व जलाभिषेक के लिए आने वाले भक्तों की सुरक्षा व व्यवस्था बनाए रखने में लोगों की मदद करेंगे। महाभारत काल की प्रसिद्ध शिव व ऐतिहासिक शिव मंदिर पंडि़ला महादेव में भी सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।

जानिए रूट ताकि माइंड ना हो रूड
कानपुर की ओर से वाराणसी जाने वाले वाहन फतेहपुर से लालगंज, रायबरेली, प्रतापगढ़ मछलीशहर, जौनपुर होते हुए सफर तय करेंगे।
लखनऊ की ओर से वाराणसी जाने वाले भारी कामर्शियल वाहन रायबरेली, ऊंचाहार, जौनपुर के रास्ते से वाराणसी तक का सफर पूरा करेंगे। वापसी मार्ग भी यही होगा।
प्रतापगढ़ की ओर से वाराणसी जाने वाले वाहन रानीगंज, मुंगरा बादशाहपुर, मछली शहर जौनपुर के रास्ते से सफर पूरा करेंगे। वापस भी इसी रूट से लौटेंगे।
रीवां व बांदा की ओर से वाराणसी जाने वाले वाहन घूरपुर गौहनिया, कर्मा, करछना होते हुए मीरजापुर के रास्ते से वाराणसी का सफर पूरा करेंगे। ध्यान रहे वापस भी इसी मार्ग से होंगे।
रीवां, बांदा, चित्रकूट रोड से कानपुर जाने वाले वाहन चित्रकूट, बांदा, चौडगरा, फतेहपुर होकर गंतव्य तक का सफर पूरा करेंगे और वापस भी इसी रूट से होंगे।
लखनऊ की तरफ जाने वाले इन वाहनों को फतेहपुर के बाद लालगंज, रायबरेली निगोहा होकर सफर पूरा करना होगा।