प्रयागराज ब्यूरो । कैतों के निशाने पर थरवई इलाका ही रहता है। थरवई इलाके के खेवराजपुर गांव में डकैतों ने करीब डेढ़ साल पहले पूरा कुनबा खत्म कर दिया था। कुनबे में उस समय केवल चार वर्षीय बच्ची बची थी। जबकि एक युवक घर में नहीं था। डकैतों ने लूटपाट के बाद डेढ़ साल की बच्ची समेत छह लोगों को मार डाला था। घटना को देखकर लोगों की रुह कांप गई थी। मामले में कच्छा बनियान गिरोह पर शक जताया गया था। कई महीने पर कुछ बदमाश पुलिस ने पकड़े भी थे। मगर जब पैरवी करने वाला कोई शख्स बचा ही नहीं तो पुलिस की कार्रवाई भी ठंडी पड़ गई।
छत के रास्ते घुसे थे डकैत
घटना 22 अप्रैल 2022 की है। खेवराजपुर निवासी राजकुमार खेती किसानी कर अपना परिवार पालते थे। परिवार में पत्नी कुसुम देवी, दिव्यांग बेटी मनीषा, बहु सविता, पोती साक्षी और मीनाक्षी थे। बेटे सुनील उर्फ मुलायम के सिलसिले में शहर आया था। रात में सभी खाना खाकर सोए। आंधी रात को डकैत छत के रास्ते घर में दाखिल हुए। इसके बाद डकैतों ने कोहराम मचा दिया। घटना की चश्मदीद चार वर्षीय साक्षी ही बच पाई। डकैतों ने एक एक कर राजकुमार, उसकी पत्नी कुसुद देवी, दिव्यांग बेटी मनीषा, बहु सविता और डेढ़ साल की मीनाक्षी को लोहे की राड और डंडे से पीटकर मार डाला। राजकुमार के शरीर पर गहरे जख्म के निशान थे। ऐसे में अंदाजा लगाया गया कि राजकुमार ने डकैतों का विरोध किया था। जिस पर उसे बेरहमी से मारा गया। घटना में केवल चार वर्षीय साक्षी ही बच पाई। वह घर के अंदर छिप गई थी। पुलिस ने उससे कई बार बयान लेने की कोशिश की, मगर वह साफ साफ कुछ बता नहीं पाई। घटना का पता दूसरे दिन दोपहर में चला। जब गांव के लोगों को राजकुमार का परिवार नहीं दिखा।