प्रयागराज ब्यूरो । दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने शनिवार को सिविल लाइंस क्षेत्र से संचालित होने वाले डग्गामार बसों का रियलिटी चेक किया तो हादसों को दावत देने वाला दृश्य नजर आया। प्रतापगढ़ और कुंडा रूट पर जाने के लिए कुछ बसें खड़ी थी। पूरे सीट पर पैसेंजर बैठे थे। उसके बावजूद पैसेंजर बैठने के लिए जोर-जोर से चिल्लाया जा रहा था। तीन पैसेंजर मिल भी गए। उनको ड्राइवर सीट के बगल एडजस्ट कर बैठा लिया गया। ड्राइवर को चलाने में तक में दिक्कत हो रही थी। उसके बावजूद कम ट्रिप में अधिक कमाने के चक्कर में बैठा लिया गया। वहीं यूपी 70 टी 7172 नंबर वाहन में भी पैसेंजर लटके हुये थे। इसके अलावा सिविल लाइंस क्षेत्र में दौड़ रही ई-रिक्शा का तो और बुरा हाल था। पैसेंजर के साथ ई-रिक्शा के ऊपर सामान तक बांधे हुये थे। वहीं मैजिक और टेम्पो का भी यही आलम था। हंडिया में हुये हादसे के पीछे भले ही बाइक के अचानक आ जाने से ब्रेक लगाने पर हुआ हो। इन बसों में भी पचास क्षमता वाली बस में 80 के करीब बच्चों व अन्य लोगों को बैठाया गया था।

अलग से बेंच लगाकर बैठाते हैं सवारी
बस मालिक ज्यादा कमाने के चक्कर में जुगाड़ कर सीटों की संख्या को बढ़ा लिए है। इससे सरकारी राजस्व का भारी नुकसान तो हो ही रहा है लोगों की जान तक खतरे में बनी हुई है। ऐसा ही आलम सुबह व दोपहर के समय स्कूल छोटे-बड़े वाहनों में नजर आ जाएंगे। यहां भी वैन में बच्चों को अलग से लकड़ी का बेंच लगाकर बैठाया जाता है। मगर इन सब पर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है।