प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर से लेकर गांव तक बारिश के पानी को रोकने के कोई खास इंतजाम नही है। हर साल पेयजल की उपलब्धता केवल बारिश पर टिकी है। जिस साल बारिश बेहतर है, उस साल वाटर लेवल ऊपर आ जाता है, वरना वह रसातल में चला जाता है। एग्जाम्पल के तौर पर वर्ष 2019 में जबरदस्त बारिश होने के बाद वाटर लेवल 9.55 मीटर से घटकर 4.91 मीटर पर आ गया था। 2020 में बारिश से पहले वाटर लेवल 7.73 मीटर था जो कम बारिश होने पर महज 6.59 मीटर ही पहुंच सका। वर्ष 2021 में मानसून से पहले वाटर लेवल 7.43 मीटर और बारिश के बाद 6.3 मीटर था।

फिर भी लोग नहीं आ रहे आगे
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कुल 480 सरकारी व गैर सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। यह आंकड़ा साल की शुरुआत का है। इसके बाद से अभी तक किसी भी बिल्डिंग में इस सिस्टम को नही अपनाया गया है। यह बारिश के पानी को संचय करने का यह सबसे सस्ता और सरल तरीका है। शासन ने इसे इमारतों में लगवाना अनिवार्य कर दिया है फिर भी लोग आगे नहीं आ रहे हैं।

तैयार हो सके 70 अमृत सरोवर
प्रदेश में सबसे ज्यादा अमृत सरोवर तैयार कराने का लक्ष्य प्रयागराज को दिया गया था।
15 अगस्त से पहले कुल 308 अमृत सरोवर तैयार होने थे लेकिन अभी तक 70 ही रेडी हुए हैं।
अधिकतर तालाबों में अवैध अतिक्रमण हो चुका है। शहर में भी यही हाल है।
तालाब की जमीनों पर पेट्रोल पंप से लेकर कई अवैध निर्माण खुलेआम संचालित किए जा रहे हैं।

22 ब्लॉकों पर मंडरा रहा जल संकट
वर्तमान में जिले में प्रयागराज सिटी पर सबसे ज्यादा जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। यहां पानी का अतिदोहन किया जा रहा है। इसलिए यह डेंजर जोन में आ चुका है। क्रिटिकल एरिया में बहरिया, चाका और भगवतपुर ब्लॉक को शामिल किया गया है। सेमी क्रिटिकल में बहादुरपुर, धनूपुर, प्रतापपुर, मऊआइमा, होलागढ़, सहसों, सैदाबाद और श्रंगवेरपुरधाम शामिल हैं।

29 तक शहर में रहेगी टीम
गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए शुरू किए गए अभियान कैच द रेन की समीक्षा बुधवार को हुई। इसमें मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरि उपस्थित में वृहद पौधरोपण, स्मृति वाटिका, चेकडैम, तालाब, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जानकारी ली गई। बताया गया कि प्रोग्राम की ग्राउंड रियलिटी को चक करने के लिए चीफ नोडल आफिसर पीसी मौर्य और तकनीकी अधिकारी रोहित सिंह 29 जुलाई तक प्रयागराज में रहेंगे।

भूजल स्तर को सुधारने की कवायद जारी है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। सभी विभागों से समन्वय बनाकर वर्षा के जल को संचय करने की कोशिश की जा रही है।
कुमार गौरव सहायक अभियंता, लघु सिचाई प्रयागराज