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लोगों के साथ चार महीने में हुआ फ्रॉड
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रुपये में ऑफर की जा रही थी थाली
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पर एक थाली फ्री का ऑफर देते थे
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थाली फ्री (एक थाली की बुकिंग परर) का ऑफर था पहली बार बुक कराने पर
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आइटम ऑफर किये जा रहे थे प्रत्येक थाली में
कोरोना काल में होल डिलीवरी के नाम पर शुरू हुआ फ्रॉड का खेल
सागर रत्ना के नाम का धड़ल्ले के साथ किया गया इस्तेमाल
झारखंड का गैंग आपरेट कर रहा था फ्रॉड का पूरा नेटवर्क
कोरोना संक्रमण का दौर था। संक्रमण के खतरे के चलते पैक्ड फूड मंगवाने का प्रचलन था। गवर्नमेंट भी इसे प्रमोट कर रही थी। पब्लिक ने भी इस सिस्टम को सपोर्ट किया ताकि टेस्ट चेंज करने का मन हो तो फूड की होम डिलीवरी हो जाए। गवर्नमेंट पॉजिटिव सोच के साथ इसे प्रमोट कर रही थी। दूसरी तरफ आनलाइन खाता खाली कर देने वाली 'फ्रॉड गैंग' ने इसमें भी अपने लिए संभावना तलाश ली। खाने की थाली का अट्रैक्टिव ऑफर सोशल साइट्स पर वायरल करवाया। नामी फूड डिलीवरी चेन के नाम का इस्तेमाल किया। ऑफर किया गया कि एक थाली पर एक थाली फ्री दी जाएगी। पहली बार बुकिंग कराने वाले को एक के साथ दो थाली फ्री मिलेगी। फ्रॉड करने वालों की यह तरकीब काम कर गयी। नतीजा अकेले प्रयागराज में चार महीने के भीतर डेढ़ दर्जन से अधिक लोग शिकार बन गये। इनके खाते से दो लाख से अधिक रुपये पार कर दिये गये। यह डाटा रिपोर्ट दर्ज कराने वालों का है। इस गैंग का एक शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उसने बताया कि कैसे कोरोना आपदा को उन्होंने अपने लिए अवसर में बदल लिया।
पूरी तरह से फेक है एकाउंट
साइबर शातिरों ने 'सागर रत्ना' के नाम से अकाउंट बनाया। इसी नाम से साइट तैयार करायी गयी। फेसबुक के साथ सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर पेज क्रिएट किया गया। थाली के ऑफर वाली पोस्ट को हर जगह से शेयर कराया गया। नतीजा यह वायरल होती चली गयी। इससे साइबर शातिरों ने पहले चरण का लक्ष्य हासिल कर दिया। इसके बाद की प्रक्रिया को भी उन्होंने इतना फुल प्रूफ बनाया कि किसी को शक भी न हो कि वे फ्रॉड के हाथों में खेल रहे हैं और इससे उनका खाता खाली हो सकता है।
कैसे काम करता था नेटवर्क
सोशल मीडिया पर वायरल कराये गये ऑफर में एक थाली बुक कराने पर दूसरी थाली फ्री उपलब्ध कराना बताया
ज्यादा से ज्यादा नए लोग आकर्षित हों इसके लिए ऑफर किया गया कि पहली बार बुकिंग कराने वाले को एक थाली का पेमेंट करने पर तीन थाली फूड सप्लाई किया जाएगा
इसके लिए साइट होने के बाद भी बुकिंग करने के लिए कॉल करने की शर्त लगायी गयी थी
बुकिंग के लिए कॉल करने पर स्टेट, सिटी के डिटेल के साथ पोस्टल एड्रेस और पिन नंबर भी मांगा जाता था
डिटेल नोट करने के बाद बताया जाता था कि थाली की डिलीवरी आधे घंटे में होगी
इसके दस मिनट के भीतर फ्रॉड की तरफ से एक और कॉल आती थी
इसमें कहा जाता था कि आपका पेमेंट वेरीफाई किया जाना है। इसके लिए आपके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया है
कहा जाता था कि इस लिंक पर क्लिक करें और अपने खाते से सिर्फ दो, पांच या दस रुपये का भुगतान कर दें
साथ में यह भी जोड़ा जाता था कि यह प्रक्रिया चेक करने के लिए है कि बुकिंग कराने वाला आदमी सही है
इससे बुकिंग कराने वाला झांसे में आ जाता था। वह ज्योंही अपने खाते से कोई भी एमाउंट पे करना, उसके खाते से पैसे कटना शुरू हो जाते
खास बात यह भी है कि खाते से पैसा गायब करने के बाद शातिर फोन रिसीव करना भी बंद कर देते थे
गलती से कोई फोन पिक भी कर लिया जाता तो गाली-गलौज तक करने से भी शातिर नहीं हिचकते थे
शातिर के जाल में फंसे राजीव बजाज के खाते से 19 हजार 998 रुपये निकल गए।
खुल्दाबाद पुलिस कर रही थी जांच
थाली बुक कराने के चक्कर में करीब 20 हजार रुपये गंवा देने वाले राजीव बजाज ने खाते से रुपये गायब होने की शिकायत खुल्दाबाद थाने में की थी। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस प्रकरण की छानबीन में जुटी थी। आनलाइन नेटवर्क पर काम करने से पुलिस को झांसा देने वाले शातिर के ठिकाने का पता चल गया। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद ने पूरी डिटेल अफसरों से शेयर की और फिर शातिर की गिरफ्तारी के साथ इसमें लिप्त लोगों की गिरफ्तारी के लिए टीम झारखण्ड भेजने की परमिशन मांगी। टावर लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम ने झारखण्ड के गिरीडीह जनपद स्थित बैगाबांद थाना क्षेत्र के भण्डारी डीह गांव में छापा मारा और साइबर फ्राड करने वाले शातिर मुरारी चौधरी पुत्र कैलाश चौधरी को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक मुरारी की गिरफ्तारी वहीं दिखायी गयी। इसके बाद उसे लोकल कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। रिमांड पर लेकर पुलिस उसे खुल्दाबाद थाने पहुंची तो उसने पूरे प्लान के बारे में बताया। पुलिस द्वारा बताया गया कि गिरीडीह जामताड़ा और देवघर जिले में इस तरह के फ्राड में कई लोग लगे हुए हैं। झारखण्ड से उसे गिरफ्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक अतुल कुमार सिंह व हेडकांस्टेबल झारखण्डे यादव, साइबर सेल के जय प्रकाश शामिल रहे।
इस तरह से बरतें सावधानी
सोशल मीडिया पर दिए गए लुभावने विज्ञापनों पर आंख बंद करके भरोसा न करें। क्रास चेक जरूर करें।
ऑफर्स वाले विज्ञापन में दिये गये नंबर पर पर काल कतई न करें, खासकर उन नंबरों से जो आपके बैंक एकाउंट के साथ रजिस्टर हैं
दूसरे नंबर से बात भी करें तो उनके कहने पर न किसी भी लिंक को ओपन करें और न ही कोई ट्रांजैक्शन करें
गिरफ्तार किया शातिर साइबर अपराधी है। वह फेसबुक पर नामी कंपनियों व होटलों के नाम से अपनी आईडी बनाकर लोगों से ठगी करता था। बेहर है कि लोग सोशल मीडिया पर वायरल ऑफर्स की पोस्ट पर भरोसा न करें। सावधानी ही इनसे बचाव का एक मात्र उपाय है।
बिरेंद्र सिह यादव
इंस्पेक्टर खुल्दाबाद