प्रयागराज ब्यूरो । दीपावली पर अगले दो दिन अस्थमा और हार्ट के रोगियों के लिए कठिन हो सकते हैं। इस दौरान हो सके तो ये मरीज घर के भीतर ही रहें। साथ ही डॉक्टरो की सलाह लेते रहें। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि नवंबर की शुरुआत से ही आसमान में धुंध छाई हुई है। ऐसे में धूल के साथ पटाखे के धुएं के कण हवा को खराब कर सकते हैं। इनसे मरीजों को तमाम दिक्कते हो सकती हैं।
एलर्जी की जबरदस्त संभावना
खासकर सांस के मरीज्रों को श्वास नली और फ्रेफड़े में सूजन की समस्या हो सकती है। धूल और धुएं के कण बॉडी में पहुंचकर संक्रमण को जन्म दे सकते हैं। इसके अलावा इससे होने वाली एलर्जी से खांसी और छीक की समस्या हो सकती है। सांस फूलने और सीने में भारी पन का सामना भी करना पड़ सकता है। हार्ट के मरीजों की तेज आवाज से दिल की धड़कन बढ़ सकती है। इससे हार्ट अटैक के चांसेज बढृ़ जाते हैं।
इन तरह से करें अपना बचाव
- अगले दो दिन तक जितना हो सके घर के भीतर रहें।
- बाहर मास्क लगाकर ही निकलें।
- हार्ट के मरीज कान में रुई डाल लें।
- डॉक्टर के संपर्क में लगातार बने रहें।
- घर के भीतर पटाखे मत चलाने दें।
- बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं भी पटाखों से दूर रखें।
गिर सकता है एक्यूआई लेवल
वर्तमान में शहर के तमाम एरिया का एयर क्वालिटी लेवल घटिया स्तर की ओर बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि दीपावली और परिवा की रात होने वाली आतिशबाजी से होने वाले धुएं से धुंध की समस्या गहराएगी। साथ ही एक्यूआई लेवल दो से तीन सौ के बीच जा सकता है जो कि स्वस्थ आदमी को भी सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है। रविवार को नैनी, झूंसी, तेलियरगंज, सिविल लाइंस, ममफोर्डगंज, सुलेम सराय, झलवा सहित दर्जनो इलाकों का एक्यूआई लेवल दो सौ के आसपास चल रहा था जो कि अच्छा नही माना जाता है।
सांस के मरीजों को धुएं से बचकर रहना होगा। प्रदूषित हवा में शामिल धूल और धुएं के कण उनकी श्वास नली को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे उन्हे दिक्कत होगी। ऐसे मरीज लगातार डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।
डॉ। आशुतोष गुप्ता, श्वास रोग विशेषज्ञ
हार्ट के मरीजों को भी बचकर रहना होगा। तेज आवाज स उन्हे दिक्कत हो सकती है। बाकी पाल्यूशन भी उनकी सेहत के लिए ठीक नही है। मरीजों को इमरजेंसी की स्थित में इसकी जानकारी डॉक्टर को देनी होगी।
डॉ। पीयूष सक्सेना, कार्डियोलाजिस्ट