प्रयागराज (ब्यूरो)। अगर कोई यह सोचे की डेंगू की मरीज की जान बुखार उतर जाने के बाद बच सकती है तो यह गलत है। दरअसल मरीज का बुखार उतर जाने के अगले दो दिन बेहद कीमती होते हैं। अगर इस दौरान डेंगू के तय प्रोटोकाल के तहत इलाज नही किया गया तो मरीज को दिक्कत हो सकती है। प्रशिक्षण में बताया कि इन दो दिनों में मरीज की अधिक केयर करनी जरूरी होती है। अक्सर मरीज शॉक सिंड्रोम का शिकार हो जाते हैं।

प्लेटलेट्स चढ़ाना ही डेंगू का इलाज नही

प्रशिक्षण कार्यशाला में बताया गया कि देखने में आ रहा है कि डॉक्टर्स जांच में प्लेटलेट्स काउंट कम आने पर इसे चढ़ाना शुरू कर देते है् जो कि बहुत जरूरी नही है। अगर मरीज का इलाज तय प्रोटोकाल के तहत चल रहा है तो दस हजार तक भी मरीज को बिना प्लेटलेट्स चढ़ाए रिकवर किया जा सकता है। बशर्ते कोई अन्य लक्षण प्रदर्शित न हो रहे हों। इससे कम प्लेटलेट्स काउंट आने पर मरीज को अलग से चढ़ाने की जरूरत होती है। कई बार देखने में आया कि 50 हजार प्लेटलेट्स आने पर मरीज को अलग से चढ़ाया जाता है जो कि नुकसान देह हो सकता है। मरीज का कई तरह के रिएक्शन का सामना करना पड़ सकता है।

कौन कौन रहा मौजूद

वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 23 नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था। विशेषज्ञों ने डेंगू व फाइलेरिया संक्रमित मरीजों का मानक के तहत उपचार करने की प्रक्रिया बताकर प्रशिक्षित किया। प्रयागराज प्रदेश का पहला ऐसा जनपद है जहां डेंगू मरीजों के इलाज के लिए इस प्रकार चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। सोमवार को लखनऊ में प्रशिक्षण प्राप्त डॉ वरुण कात्रा व डॉ रवि कुमार ने डेंगू एवं फाइलेरिया रोकथाम, इलाज व इलाज के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से जुड़ी जानकारी पर प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल, तेज बहादुर सप्रू हास्पिटल व जिला महिला अस्पताल के चिकित्सक भी मौजूद रहे। सीएमओ डॉ। नानक सरन ने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारियों को डेंगू, एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण, निगरानी व जवाबदेही के लिए नोडल नामित करने का आदेश दिया है। उन्होने कहा है कि कोई भी डेंगू व मरीज इलाज से वंचित न होने पाए। बताया गया कि पिछले वर्ष 2021 में डेंगू के 1299 मरीज मिले थे। इस बार अभी बारिश की शुरूआत हुई है, इसलिए अभी संख्या कम है। इस वर्ष डेंगू से लडऩे को विभाग मुस्तैदी के साथ तैयार हैं।

एक नया केस आया सामने

मंगलवार को शहर में डेंंगू का नया मामला सामने आया। नैनी का रहने वाले युवक को बुखार आने पर एलाइजा जांच कराई गई तो डेंगू की पुष्टि हुई। उसका घर पर ही इलाज किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि एक अन्य केस भी मिला है लेकिन वह दिल्ली का है। दिल्ली में रहने वाले युवक को बुखार आने पर चाका स्थित अपने घर आ गया था। यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। लेकिन इस केस को प्रयागराज का नही माना जाएगा।