शीतला अष्टमी पर कल्याणी देवी मंदिर पर तीन दिवसीय मेला आज से
मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए कोरोना गाइडलाइन का कराया जाएगा पालन
कल्याणी देवी मंदिर को झालरों से सजाया गया, मां का होगा भव्य श्रृंगार
देवी भक्तों के लिए इस बार शीतला अष्टमी कुछ खास है। कोरोना के चलते पिछले साल मंदिरों में आयोजन नहीं हुए थे। इस बार मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जहां मां का विशेष भोग लगाया जाएगा वहीं उनके भव्य स्वरूप को दिखाने के लिए विविध तरह से श्रृंगार किया जाएगा.मंदिर समिति ने भी आयोजन के लिए विशेष तैयारी कर रखी है।
तीन दिनो तक चलेगा मेला
शहर के तीन शक्तिपीठों में एक आदिशक्ति मां कल्याणी देवी मंदिर में तीन दिवसीय शीतला अष्टमी मेला चार अप्रैल से शुरू होगा। आचार्य पंडित श्याम जी पाठक ने बताया कि बताया कि इस मेले को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई हैं। मुख्य मेला अष्टमी को सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ मां का भव्य श्रृंगार के बाद दर्शन-पूजन के लिए खुलेगा। मंदिर परिसर को झालरों से सजाया गया है। मां को बासी भोग लगाकर माताएं प्रसाद ग्रहण करेंगी। इस पूरे दिन भक्तों द्वारा मां को ध्वजा, पताका, निशान आदि भक्तों द्वारा चढ़ाए जाएंगे। बताया कि यह मेला लगभग दो सौ वर्षो से चला आ रहा है। जिसका जिक्र ब्रिटिश काल के गजेटियर में भी मिलता है।
स्वर्ण आभूषणों से सजेगी मां कल्याणी
मां का भव्य श्रृंगार दर्शन शाम सात बजे से मां की महाआरती के साथ भक्तों को प्राप्त होगा। जो संपूर्ण रात्रि मां का भव्य दर्शन, चार भुजा धारण किये सिंह पर सवार हाथ में खड्ग, खप्पर, गदा, त्रिशूल लिये विविध प्रकार के आभूषणों से सुसज्जित होगा।
विविध आयोजन होंगे
अध्यक्ष पं। सुशील पाठक ने बताया कि यह मेला सबसे प्राचीन मेला है। रात बारह बजे से भोर चार बजे तक भक्तों द्वारा विरह, नौटंकी के साथ भजन-कीर्तन होगा।
मंदिर परिसर को कराया गया सैनिटाइज
महामंत्री आचार्य पंडित श्याम जी पाठक ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंदिर में इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.नगर निगम की ओर से मंदिर परिसर को सैनिटाइज कराया गया है। दर्शन-पूजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा.साथ ही मंदिर समिति द्वारा पूरे मंदिर में भक्तों के लिए दो-दो गज की दूरी पर सर्किल बनाया गया है। साथ ही यहां थर्मल स्क्रीनिंग और सेनिटाइजर की पूरी व्यवस्था की गई है। इस बाबत मंदिर समिति की एक बैठक बुलाई गई है। जिसमें कार्यकर्ताओं को बताया जाएगा कि किस प्रकार से भक्तों को दूरी बनाकर दर्शन-पूजन कराया जाए। बबलू सिंह, मुकेश मेहरोत्रा, ईगल, धर्मेद्र, दिलीप पाठक, अनिल पाठक, अंगद शुक्ला, महेश चंद आदि मेले की पूरी व्यवस्था देखेंगे।
शुभ मूहुर्त
शीतला अष्टमी- चार अप्रैल, सुबह छह बजकर आठ मिनट से शाम छह बजकर 41 मिनट तक
आरंभ- सुबह चार बजे से
समापन पांच अप्रैल सुबह दो बजकर 59 मिनट
महत्व- पंचाग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर यह मनाया जाता है। एक दिन पहले बने हुए बासी भोजन का भोग मां को लगाया जाता है और प्रसाद स्वरूप इसे ग्रहण किया जाता है।
मान्यता है कि शीतला माता की पूजा से शरीर के रोगों से छुटकारा मिलता है।