प्रयागराज ब्यूरो । करबला के शहीदों की याद में दो माह आठ दिनों तक मनाए जाने वाले गम के महीने का आगाज वैसे तो चांद की तस्दीक के बाद ही होगा लेकिन शुक्रवार को इस्तेकबाल ए अजा का पहला जुलूस दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अरब अली खां से रात 8.30 बजे निकाला जाएगा। शहजेब असगर की निजामत में हैदर जैदी की सोजख्वानी से मजलिस का आगाज होगा तो इरफान हैदर जैदी मजलिस को खिताब करेंगे।
पहली मोहर्रम को रात दस बजे निकलेगा जुलूस
उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार अन्जुमन हैदरी दरियाबाद, अन्जुमन असगरिया दरियाबाद, अन्जुमन मोहाफिजे अजा दरियाबाद, अन्जुमन हुसैनिया कदीम दरियाबाद नौहा और मातम का नजराना पेश करेगी। पहली मोहर्रम को रात्रि 10 बजे बड़े घर की मजलिस के उपरान्त अजाखाना सैय्यद फरहत अली दरियाबाद में सालाना मजलिस होगी जिसमें रेयाज मिर्जा व शुजा मिर्जा की सोजख्वानी व जाकिर ए अहलेबैत मौलाना अशरफ अब्बास खान मजलिस को खिताब करेंगे। मजलिस के बाद शबीहे ज़ुलजनाह निकाला जाएगा और अन्जुमन हाशिमया नौहा और मातम का नजराना पेश करेगी।
नौहों की मश्क में लगी अन्जुमने
खानदाने रिसालत के साथ 14 सौ साल पहले इराक के करबला में घटित घटना की याद में मनाए जाने वाले दो माह और आठ दिनों तक जुलूसों, शब्बेदारी व मजलिसों में पढ़ें जाने वाले नौहों की तय्यारी इन दिनों विभिन्न मातमी अन्जुमने कर रही हैं। शायरों से नौहा लिखवाने और उसे तर्ज (धुन लय) देने के बाद मंजरे आम पर पेश करने को शहर भर की दो दर्जन से अधिक मातमी अन्जुमनो द्वारा अपने नौहाख्वानो व हमनवा साथियों के साथ मश्क यानि प्रेक्टिस जारी है। नौहों को अन्तिम रूप देकर आज अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया की ओर से बख्शी बाजार स्थित मिर्जा अजादार हुसैन के अजाखाना पर मजलिस हुई जिसमें अन्जुमन के सदस्यों को पहली बार नौहे की धुन व लय से अवगत कराया गया।
अलम के पंजों व पटको को दिया गया नया रूप
मोहर्रम शुरु होने में अब चंद दिन ही बचे हैं ऐसे में अज़ादारी के पुश्तैनी सिलसिले को क़ायम रखते हुए हर तरफ इमामबाड़ो को साफ सुथरा व रंग रोगन के साथ अलम के पंजों को कलई कराने और साल भर से रखे अलम के पटकों को दुरुस्त करने के साथ तमाम तरहां की तय्यारी की जा रही है।